झारखंड विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस को डिप्टी सीएम पद देने से इनकार कर दिया है. सोरेन ने कांग्रेस को साफ बता दिया है कि जो व्यवस्था थी वही चलाइए. बेवजह नई-नई मांगे मत लाइए. हम जैसे मजबूत थे, वैसे ही बने रहेंगे. कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय के जरिए डिप्टी सीएम पद को लेकर आवाज उठाई थी.
झारखंड चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर इस बात की चर्चा जोर पकड़ रही थी कि उसे झारखंड में डिप्टी सीएम का पद मिलना चाहिए, लेकिन हेमंत सोरेन ने आवाज को वहीं पर दबा दिया जहां से उठी थी. अब देखना है कि कांग्रेस और जेएमएम के बीच में किस तरह का समझौता होता है और सरकार बनती है.
झारखंड में दूसरी बार सत्ता में आई जेएमएम
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नीत गठबंधन ने झारखंड में लगातार दूसरी बार सत्ता में आई गई है और उसने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें जीतकर बीजेपी नीत राजग को करारी शिकस्त दी.साल 2019 के चुनावों में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन 47 सीटों पर विजयी हुआ था.
जेएमएम ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि गठबंधन सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने क्रमश: 16 और चार सीटों पर जीत दर्ज की. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन को दो सीटें मिलीं.
बीजेपी को सिर्फ 21 सीटों पर करना पड़ा संतोष
दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को सिर्फ 24 सीटों से संतोष करना पड़ा, जिसमें बीजेपी ने 21 सीटें जीतीं, जबकि उसकी तीन सहयोगियों आजसू पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जनता दल (यूनाइटेड) को एक-एक सीट मिली.
झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल करने के लिए पूरी जोर आजमाइश की थी, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. बीजेपी ने घुसपैठिए का मुद्दा भी उठाया था, लेकिन जनता ने सिरे से नकार दिया. स्थिति हो बन गई की 81 सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी को 21 सीटों पर संतोष करना पड़ा है.