पेरिस पैरालंपिक गेम्स 2024 से पहले भारत को बड़ा झटका लगा है. बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत को डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन करने के चलते 18 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है. विश्व बैडमिंटन महासंघ (BWF) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. निलंबन के चलते भगत पेरिस पैरालंपिक में शामिल नहीं हो पाएंगे. भगत ने टोक्यो पैरालंपिक (2020) में पुरुष एकल एसएल3 क्लास के फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर स्वर्ण पदक जीता था.
प्रमोद पर इस वजह से लगा बैन
प्रमोद भगत ने बीते 12 महीनों में तीन मौके पर अपना ठिकना नहीं बताया था. ऐसे में उनपर बीडब्ल्यूएफ के डोपिंग निरोधक नियम ‘व्हेयरअबाउट’ (ठिकाने का पता) के उल्लंघन का आरोप है. बीडब्ल्यूएफ ने एक बयान में कहा, ‘बैडमिंटन विश्व महासंघ इसकी पुष्टि करता है कि भारत के टोक्यो 2020 पैरालम्पिक चैम्पियन प्रमोद भगत को 18 महीने के लिए निलंबित किया गया है और वह पेरिस पैरालम्पिक नहीं खेलेंगे.’
इसमें कहा गया, ‘एक मार्च 2024 को खेल पंचाट (सीएएस) डोपिंग निरोधक प्रभाग ने भगत को बीडब्ल्यूएफ के डोपिंग निरोधक नियम के उल्लंघन का दोषी पाया. वह एक साल में तीन बार अपना ठिकाना बताने में नाकाम रहे थे.’ 36 साल के एसएल3 खिलाड़ी भगत ने सीएएस के अपील विभाग में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी जो पिछले महीने खारिज हो गई.
UPDATE: Indian #Parabadminton #Tokyo2020 gold medallist Pramod Bhagat suspended for 18 months for breaching BWF anti-doping regulations with three whereabouts failures within 12 months. #Paris2024 #Paralympicshttps://t.co/YLdD7BWI5N
— BWF (@bwfmedia) August 13, 2024
28 अगस्त से होने हैं पैरालंपिक गेम्स
बयान में कहा गया, ’29 जुलाई 2024 को सीएएस के अपील विभाग ने भगत की अपील खारिज कर दी और सीएएस के डोपिंग निरोधक प्रभाग के एक मार्च 2024 के फैसले की पुष्टि की. उनका निलंबन अब प्रभावी है.’ यह निलंबन एक सितंबर 2025 तक लागू रहेगा.’ पेरिस पैरालंपिक गेम्स 28 अगस्त से लेकर 28 सितंबर तक होने हैं.
प्रमोद भगत का जन्म 4 जून 1988 को बिहार के हाजीपुर में हुआ था. हालांकि बाद में प्रमोद ओडिशा में आकर बस गए. भगत को चार साल की उम्र में पोलियो हो गया था और अपने पड़ोसी को खेलते हुए देखकर ही वह इस खेल में आए थे. शुरू में उन्होंने सक्षम खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा की थी.