आरजेडी के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने की मांग को लेकर सीबीआई के आवेदन को सुनवाई के लिए स्वीकार कर.
सीबीआई की ओर से लालू प्रसाद यादव, बेक जूलियस और सुधीर कुमार भट्टाचार्य की सजा को बढ़ाए जाने की मांग की गई है. निचली अदालत ने इन लोगों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी. जबकि सीबीआई इस मामले में अधिकतम सजा की मांग कर रही है.
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तीन की हो चुकी है मौत
यह मामला देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित है. सीबीआई ने चारा घोटाले में देवघर से हुई 89 लाख रुपये की फर्जी निकासी के मामले में दोषी करार दिए गए छह लोगों की सजा बढ़ाने के लिए याचिका दायर की थी. इसमें से तीन की मौत हो चुकी है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश अंबुज नाथ की पीठ ने सीबीआई की दलील सुनने के बाद याचिका स्वीकार कर ली है.
एजेंसी को अपनी दलील रखने की स्वतंत्रता
झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति रंगोन मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति अंबुज नाथ की पीठ ने बुधवार को सीबीआई द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें आरसी-64 मामले (देवघर कोषागार से अतिरिक्त निकासी) में राजद प्रमुख लालू यादव और दो अन्य की सजा बढ़ाने की मांग की गई थी. सीबीआई की याचिका स्वीकार कर ली गई है और अब एजेंसी को अपनी दलील रखने की स्वतंत्रता है.
राजद सुप्रीमो मुख्य आरोपी और मुख्य साजिशकर्ता
ललू यादव की ओर से पेश हुए उनके वकील ने बताया कि इसी मामले में एक अन्य दोषी जगदीश शर्मा को आईपीसी और पीसी एक्ट की दो अलग-अलग धाराओं के तहत 7 साल की सजा सुनाई गई थी. सीबीआई लालू यादव के लिए भी यही सजा मांग रही है, क्योंकि राजद सुप्रीमो मुख्य आरोपी और मुख्य साजिशकर्ता हैं.
सीबीआई ने चारा घोटाला मामले में देवघर कोषागार से 89 लाख रुपये की अधिक और धोखाधड़ी से निकासी के मामले में राजद प्रमुख लालू यादव की सजा की अवधि बढ़ाने के लिए 2019 में झारखंड उच्च न्यायालय में या
चिका दायर की थी.