Sisodia Judicial Custody: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की परेशानी खत्म नहीं हो रही है. सुप्रीम कोर्ट के बाद अब सिसोदिया को अब दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से भी झटका लगा है. अदालत ने सोमवार को आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि को 22 जुलाई तक बढ़ा दी है.
सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के लिए विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह फैशला सुनाया है. इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई होनी थी. लेकिन पीठ के एक जस्टिस ने इस मामले से खुद को अलग कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में होनी थी सुनवाई
इससे पहले, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार तथा धन शोधन के मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाएं 30 अप्रैल को खारिज कर दी थीं. अदालत ने सीबीआई और ईडी के साथ ही सिसोदिया की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर गुरुवार (11 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. लेकिन इस केस पर सुनवाई करने वाली पीठ में शामिल जस्टिस संजय कुमार ने निजी वजहों से खुद को मामले से अलग कर दिया. पीठ ने कहा कि अब एक अन्य पीठ मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी.
सिसोदिया 17 महीनों से जेल में बंद हैं
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और AAP के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया 17 महीनों से जेल में बंद है. आबकारी नीति मामला में उन्हें सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उन्हें अपने पद से इस्तिफा देना पड़ा. वहीं, इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले से जुड़े लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें 9 मार्च को गिरफ्तार कर लिया. सिसोदिया दिल्ली सरकार में आबकारी मंत्री भी थे. सीबीआई और ईडी ने अगस्त 2022 को सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज किया था.