रीवा में चौंकाने वाला मर्डर: शराब पार्टी के दौरान दोस्तों के बीच हुए विवाद में इंजेक्शन लगाने से एक की मौत, दो आरोपी गिरफ्तार

रीवा: युवक को शांत करने के लिए लगाए गए इंजेक्शन के कारण उसकी जान चली गई. युवक की मौत के बाद उसके दोस्तों ने ही उसकी लाश को लावारिस छोड़ दिया. पुलिस ने 7 महीने की लंबी जांच के बाद इस संदिग्ध मौत का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एसडीओपी उदित मिश्रा ने बताया कि 9 दिसंबर 2024 को रमेश कोल (44 वर्षीय, निवासी कंदरा थाना बरगढ़, चित्रकूट) का शव जने थाने के सरोई गांव के पास मिला था. घटनास्थल पर शराब की बोतलें और बीड़ी मिली थीं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अत्यधिक शराब के सेवन की पुष्टि हुई थी.

Advertisement

इंजेक्शन बना मौत का कारण

एसडीओपी उदित मिश्रा ने थाना प्रभारी कन्हैया बघेल को संदेहियों का पता लगाने का निर्देश दिया. जांच के दौरान पता चला कि घटना के दिन रमेश, प्रकाश मौर्य निवासी पनिहाई सिमराड़ा थाना बरगढ़ के साथ घर से निकला था. पुलिस ने प्रकाश से पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया. प्रकाश अपने साथी अखिलेश कुमार मौर्य उर्फ छोटू (28 वर्षीय, निवासी मुरका थाना बरगढ़) के साथ मृतक रमेश को घर से बुलाकर लाया था.

तीनों ने सरोई गांव के पास शराब पी, जिसके बाद रमेश गाली-गलौज और हंगामा करने लगा. इस पर आरोपियों ने उसे एक इंजेक्शन लगा दिया, जिसका उपयोग अक्सर नशे में हंगामा करने वालों को शांत करने के लिए किया जाता है. इंजेक्शन लगाने के बाद दोनों आरोपी वहां से चले गए और रमेश वहीं पड़ा रहा, जिसकी कुछ ही देर बाद मौत हो गई.

नर्सिंग होम में काम करता था मुख्य आरोपी

पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. एसडीओपी उदित मिश्रा ने बताया कि आरोपी प्रकाश मौर्य एक नर्सिंग होम में काम करता था और उसे इंजेक्शन के बारे में जानकारी थी. यह इंजेक्शन अगर गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है और आरोपी इस बात को जानता था. इसके बावजूद उसने इंजेक्शन दिया, जिससे रमेश की मौत हो गई.

एसडीओपी उदित मिश्रा ने आगे बताया कि दिसंबर 2024 में मृतक रमेश आदिवासी की लाश मिली थी, जिसके आसपास शराब की बोतलें और नशे की सामग्री मिली थी. पुलिस ने तत्काल मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम करवाया और सभी वैधानिक कार्रवाई की. छह महीने तक जांच में कुछ खास सामने नहीं आया, जिसके बाद गहनता से पूछताछ की गई. पूछताछ में अखिलेश मौर्या और प्रकाश मौर्य का नाम सामने आया, जो मृतक से संबंध रखते थे.

पूछताछ करने पर उन्होंने कबूल किया कि शराब के नशे में वाद-विवाद हुआ था. आरोपियों में से एक, जो अस्पताल में काम करता था जानता था कि एक इंजेक्शन है, जिससे नशे में धुत व्यक्ति को शांत किया जा सकता है. उसने वह इंजेक्शन लगा दिया और वे वहां से चले गए. संभवतः उसी इंजेक्शन और अत्यधिक शराब के सेवन के कारण रमेश की मृत्यु हो गई. दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

Advertisements