अहमदाबाद हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा: आरोपी छात्र ने चैट में कुबूला गुनाह, दोस्त को सुनाया खौफनाक वारदात का किस्सा 

अहमदाबाद के एक स्कूल में 10वीं के छात्र की चाकू से हत्या के बाद मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. ताजा खुलासे में सामने आया है कि आरोपी छात्र ने अपने एक दोस्त के साथ चैट में वारदात की पूरी कहानी खुद बताई थी. चैट में उसने कुबूल किया कि उसने किस तरह चाकू मारा और कैसे इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया. आरोपी की बात सुनकर दोस्त सन्न रह गया. उसने तुरंत उसे फटकार भी लगाई.

एक सोशल मीडिया चैट में आरोपी छात्र से उसके दोस्त ने पूछा, ”भाई, आज कुछ किया क्या?” इस पर आरोपी छात्र ने ठंडे अंदाज़ में जवाब दिया- ”हां”. इसके बाद उसके दोस्त ने सीधा सवाल किया, ”तुमने चाकू मारा था?” आरोपी ने पलटकर जवाब दिया- ”तुम्हें किसने बताया?” चैट का सिलसिला यहीं नहीं थमा. एक अन्य चैट में जब आरोपी छात्र के दोस्त ने उसे बताया कि जिसे उसने चाकू मारा था, ”वो मर गया”.

इस आरोपी ने हैरान करने वाला सवाल किया- ”कौन था वो वैसे?” यह देखकर साफ झलकता है कि आरोपी को खुद यह पता नहीं था कि उसने किसकी हत्या कर दी है. ये भी बात सामने आई है कि नयन की बहस दरअसल किसी और छात्र से हो रही थी. लेकिन आरोपी के पास चाकू था और खुद को ताकतवर दिखाने की मंशा से उसने अचानक हमला कर दिया. चैट में जब उसके दोस्त ने दोबारा पूछा, ”तूने ही चाकू मारा था?”

इस पर आरोपी ने बिना झिझक कहा- ”हां तो”. यह जवाब दिखाता है कि वह इस जघन्य अपराध को लेकर कितना लापरवाह और बेपरवाह था. इतना ही नहीं, चैट में आरोपी के दोस्त ने उसे समझाया भी, ”नयन को मारना नहीं चाहिए था”. लेकिन आरोपी ने इस सलाह को भी हल्के में लेते हुए जवाब दिया- ”छोड़ ना, अब जो हो गया सो हो गया”. यानी कत्ल के बाद भी आरोपी को किसी सजा का कोई डर नहीं था.

संयुक्त पुलिस आयुक्त जयपाल सिंह राठौर ने बताया कि मंगलवार को अहमदाबाद के सेवेंथ डे स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र पर उसके ही सहपाठी ने चाकू से हमला कर दिया था. गंभीर रूप से घायल छात्र ने इलाज के दौरान रात में दम तोड़ दिया. पुलिस ने नाबालिग आरोपी को हिरासत में ले लिया है. उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है.

इधर, बुधवार सुबह गुस्साए मृतक के परिजन और स्थानीय लोग स्कूल परिसर में घुस आए. उन्होंने जमकर हंगामा किया और स्कूल बसों व कई गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी. स्कूल कर्मचारियों को भी भीड़ के आक्रोश का सामना करना पड़ा. स्थिति को काबू में करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. उग्र भीड़ ने सड़क पर धरना देकर ट्रैफिक रोक दिया. पुलिस और स्कूल प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई.

परिजनों का आरोप है कि आरोपी छात्र को कई अन्य लोगों ने मदद की थी. स्कूल प्रबंधन ने सबूत मिटाने की भी कोशिश की है. संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने पुष्टि की है कि इस केस की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. फोरेंसिक टीम यह जांच करेगी कि वाकई क्राइम सीन को धोने के लिए टैंकर बुलाया गया था या नहीं. उन्होंने कहा कि जांच में अन्य लोगों की संलिप्तता आने पर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी.

इस घटना ने सांप्रदायिक रंग भी ले लिया है. आरोपी छात्र अल्पसंख्यक समुदाय से है, जबकि पीड़ित सिंधी समाज से था. पीड़ित परिवार का कहना है कि यदि इस बार सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी. बढ़ते तनाव के बीच स्थानीय विधायक अमूल भट्ट को हाथ जोड़कर भीड़ से शांति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी. राज्य के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पनशेरिया ने इस हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

 

Advertisements
Advertisement