ओलंपिक में भारत को मेडल दिलाने वाले शूटर अभिनव बिंद्रा रायपुर पहुंचे। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की। दरअसल, अभिनव बिंद्रा छत्तीसगढ़ में अपना एक स्पोर्ट्स सेंटर शुरू करना चाहते हैं। जहां यूथ को वह ओलंपिक गेम्स की बारीकियां सिखाएंगे। इस प्रोजेक्ट को लेकर उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत की है। सरकार से उन्हें सकारात्मक सहयोग दिए जाने का भरोसा मिला है। अब बिंद्रा जल्द इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा के साथ मीटिंग में खेल मंत्री टंकराम वर्मा भी मौजूद रहे। बिंद्रा ने छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस डेवलपमेंट के विषय में सरकार से बात की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में खेलों के प्रति स्वाभाविक रुचि है, खासकर आदिवासी अंचलों के युवाओं में अत्यधिक संभावनाएं हैं।
छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों के लिए अभिनव बिंद्रा की नई पहल
बिंद्रा ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस जैसे कार्यक्रम शुरू करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि यह राज्य की युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में बहुत मददगार साबित होगा।
बिंद्रा ने बताया कि उनके अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के माध्यम से देश के कई राज्यों में खिलाड़ी तैयार करने के लिए मुफ्त कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही नि:शुल्क कार्यक्रम शुरू करने की इच्छा जताई और इस पर सरकार से चर्चा की।
बिंद्रा ने जानकारी दी कि ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में ओलंपिक मूल्यों का विकास किया जाएगा। उन्हें उत्कृष्टता, सम्मान और मैत्री जैसे मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे प्रारंभिक अवस्था से ही खेल प्रतिभाओं का संवर्धन संभव हो सकेगा।
खिलाड़ियों को मिलेगी फ्री स्पोर्ट्स इंजरी ट्रीटमेंट
मुख्यमंत्री साय को बिंद्रा ने बताया कि स्पोर्ट्स इंजरी खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी कार्यक्रम के अंतर्गत खिलाड़ियों को निःशुल्क सर्जरी, पुनर्वास और इलाज के बाद देखभाल की संपूर्ण सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि वे स्वस्थ होकर पुनः खेल क्षेत्र में सक्रीय हो सकें। इसके लिए फाउंडेशन के साथ देश के 30 उत्कृष्ट चिकित्सकों का नेटवर्क कार्यरत है, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को मिलेगा।
बिंद्रा ने बताया कि वर्तमान खेल परिदृश्य पूर्णतः विज्ञान-आधारित हो गया है। अतः वे छत्तीसगढ़ में स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं, जिससे आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा सके। नवीनतम तकनीकों की सहायता से प्रतिभाओं की पहचान वैज्ञानिक तरीके से की जा सकेगी तथा टेक्नोलॉजी के माध्यम से उनके कौशल को समुचित रूप से विकसित किया जा सकेगा।
रायपुर-जशपुर में आर्चरी अकादमी की स्थापन
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को आवश्यक सभी सुविधाएं प्रदान कर रही है। विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय के युवाओं में तीरंदाजी का प्राकृतिक कौशल है। इस प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए रायपुर और जशपुर में एनटीपीसी के सहयोग से 60 करोड़ रुपए की लागत से आर्चरी अकादमी की स्थापना की जा रही है।
इसी प्रकार बस्तर में आयोजित बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप मेंदेने की घोषणा की गई है।