ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में पिछले कुछ दिनों से लड्डू प्रसाद का टोटा बना हुआ है. दिन में कई बार काउंटरों पर प्रसाद उपलब्ध नहीं रहता है. चिंतामन स्थित यूनिट से गाड़ी आने के बाद व्यवस्था सुचारु हो पाती है. बताया जाता है कि कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने से समय पर लड्डू प्रसाद बन नहीं पा रहा है. अब 12 फरवरी को नए टेंडर होने के बाद सप्लाय व्यवस्था सामान्य होगी.
महाकाल मंदिर में परिसर तथा महाकाल महालोक के काउंटरों से लड्डू प्रसाद विक्रय किया जाता है. देशभर से महाकाल दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थी बड़े ही श्रद्धाभाव से लड्डू प्रसाद खरीदकर अपने साथ घर ले जाते हैं. महाकाल का लड्डू प्रसाद इतना शुद्ध व स्वादिष्ट है कि देशभर में इसकी बड़ी मांग है.
हालांकि समय-समय पर मंदिर प्रशासन की खामियों के कारण मांग के अनुरूप पूर्ति नहीं हो पाती है. बीते कुछ दिनों से कच्चे माल की कमी के कारण समय पर पर्याप्त मात्रा में लड्डू प्रसाद नहीं बन पा रहा है. इसका असर काउंटरों पर किल्लत के रूप में नजर आता है. काउंटर बंद नहीं करना पड़े इसलिए चिंतामन यूनिट से थोड़ा थोड़ा प्रसाद बनाकर आपूर्ति की जा रही है.
टेंडर की ओर ध्यान नहीं दिया
बता दें कि मंदिर में बीते एक वर्ष में लगातार प्रशासक बदले जाते रहे. प्रभारी प्रशासक बनकर आए अधिकारियों ने टेंडर की ओर ध्यान नहीं दिया. स्टोर विभाग व लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई प्रभारी के बीच में भी तालमेल की कमी टेंडर प्रक्रिया में देरी का कारण मानी जा रही है
काफी मशक्कत के बाद मंगलवार को टेंडर होंगे. इसके बाद जिस फर्म को ठेका मिलेगा वह सप्लाय की शुरुआत करेगा. इसके बाद पर्याप्त मात्रा में प्रसाद बनेगा. अगर यही स्थित रही तो इस बार महाशिवरात्रि पर प्रसाद की कमी सामने आने वाली है.
40 से 50 क्विंटल लड्डू रोज बनता है यूनिट में
चिंतामन स्थित लड्डू प्रसाद युनिट में प्रतिदिन 40 से 50 क्विंटल लड्डू प्रसाद रोज बनाया जाता है. काउंटरों से इतना प्रसाद बिक जाता है. लेकिन इन दिनों कच्चामाल उपलब्ध नहीं होने से पर्याप्त मात्रा में लड्डू प्रसाद नहीं बन पा रहा है.