दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही वायु प्रदूषण की समस्या भी बढ़ गई है. इस समय राजधानी में AQI 400 के पार होकर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. इससे निपटने के लिए प्रशासन ने शहर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-4) के स्टेज 4 लागू करने के आदेश दिए हैं. इस बीच प्रदूषण की समस्या पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. थरुर ने प्रदूषण के कारण लोगों को होने वाली परेशानियों का हवाला देते हुए सवाल किया है कि क्या दिल्ली को राजधानी बने रहना चाहिए.
कांग्रेस नेता थरुर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि दिल्ली आधिकारिक रूप से दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. यहां का AQI खतरनाक स्तर से भी 4 गुना ज्यादा है और दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से लगभग पांच गुना ज्यादा AQI है. यह अमानवीय है कि हमारी सरकार सालों से इस समस्या को देख रही है और इस बारे में कुछ नहीं कर रही है.
दिल्ली को राजधानी बने रहना चाहिए
Delhi is officially the most polluted city in the world, 4x Hazardous levels and nearly five times as bad as the second most polluted city, Dhaka. It is unconscionable that our government has been witnessing this nightmare for years and does nothing about it. I have run an Air… pic.twitter.com/sLZhfeo722
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 18, 2024
वायु प्रदूषण से दिल्ली में हो रही समस्याओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने इसके राष्ट्रीय राजधानी होने पर सवाल उठाया. थरुर ने कहा कि नवंबर से जनवरी तक वायु प्रदूषण के कारण यह शहर रहने लायक नहीं होता और साल के बाकी दिनों में भी मुश्किल से ही रहने लायक होता है. क्या इसे देश की राजधानी बने रहना चाहिए?
गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया था
कांग्रेस सांसद ने अपने पोस्ट में आगे लिखा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए 2015 में उन्होंने एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया था, लेकिन पिछले साल इसे बंद कर दिया गया क्योंकि इस समस्या से निपटने के लिए जिम्मेदार लोग गंभीर नहीं थे और इन सम्मेलनों से कुछ खास हासिल नहीं हो रहा था.
खतरनाक स्तर पर AQI
मंगलवार को भी लगातार दूसरे दिन शहर में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, आज सुबह 8 बजे के करीब शहर में AQI 488 के आसपास दर्ज किया गया. शहर में बढ़ते प्रदूषण से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमारियों से ग्रस्त लोगों को अधिक दिक्कतें हो रही हैं.