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‘क्या हमें अफजल गुरु को माला पहनानी चाहिए थी?’, राजनाथ सिंह का उमर अब्दुल्ला पर निशाना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जम्मू के रामबन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने कहा था आतंकी अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं उमर अब्दुल्ला से पूछना चाहता हूं कि क्या हमें अफजल गुरु को सार्वजनिक रूप से माला पहनाई चाहिए.

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दरअसल, राजनाथ सिंह रविवार को जम्मू-कश्मीर के रामबन में एक चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने कहा नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने सुना कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला साहब ने कहा कि अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए थी. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए थी, क्या उसे सार्वजनिक रूप से माला पहनाई जानी चाहिए थी?… यहां भी सरकार बनाइए, यहां का विकास देखकर पीओके के लोग कहेंगे कि हमें पाकिस्तान के साथ नहीं रहना है, हम भारत के साथ जाना चाहते हैं… हम पीओके के लोगों को अपना मानते हैं, आइए और हमारे साथ आइए. मुझे जानकारी मिली है, सीमा पर कुछ बाड़ लगाने का काम चल रहा है, वह सीमा बाड़ लगाने का काम भी पूरा हो जाएगा.”

‘कश्मीर के युवाओं के हाथ में है लैपटॉप और कंप्यूटर’

 

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जिसके साथ कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन किया है, उसने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा है कि वे अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे. अनुच्छेद 370 को बहाल करने की हिम्मत किसी में नहीं है. जम्मू-कश्मीर जो पहले आतंकवाद के स्थल के रूप में जाना जाता था, अब एक पर्यटन स्थल बन गया है. पहले, कश्मीर घाटी में कई युवाओं के हाथों में पिस्तौल और रिवॉल्वर हुआ करते थे. आज जाकर बदलाव देखें, उनके हाथों में पिस्तौल और रिवॉल्वर नहीं हैं, इसकी जगह आपको लैपटॉप और कंप्यूटर दिखाई देंगे. यह बहुत बड़ा बदलाव है. 2022 के बाद पत्थरबाजी की एक भी घटना नहीं हुई है. जब तक भारतीय जनता पार्टी भारत में है, तब तक कोई भी अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं कर सकता.”

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