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महाकाल के नाम पर शोबाजी, हूबहू मूर्ति बनाकर शख्स कर रहा वसूली… पुजारियों ने किया विरोध

धार्मिक नगरी उज्जैन में इन दिनों बाबा महाकाल का हूबहू मुखौटा बनाकर देशभर में कार और फ्लाइट के माध्यम से घूमाए जाने पर बवाल मचा है. महाकाल मंदिर के पुजारियों ने बाबा महाकाल का विग्रह दूसरे प्रदेशों में ले जाने और उनका पूजन-अर्चन करवाने पर आपत्ति जताई है. पुजारियों ने मांग करते हुए श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति से कहा है कि बाबा महाकाल के विग्रहों की हूबहू मूर्तियां बनाना गलत है. ऐसे व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होना चाहिए.

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पुजारियों ने ये भी मांग की है कि बाबा महाकाल की सवारी में निकलने वाले स्वरूप उमा महेश, चंद्रमोलेश्वर, होलकर, मनमहेश सभी पेटेंट करवाना चाहिए जिससे कि कोई भी व्यक्ति अपनी मनमर्जी से प्रतिमाएं बनाकर बाबा महाकाल के भक्तों को ठग ना सके.

कार्तिक चौक में रहने वाले मूर्तिकार सतीश सक्सेना ने बाबा महाकाल की सवारी में निकलने वाले सभी विग्रह उमा महेश, चंद्रमोलेश्वर, होलकर, मनमहेश की हुबहू प्रतिमा बना ली है. वहीं इन्हें बाबा महाकाल की प्रतिमा बताते हुए समय-समय पर पधरावनी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं. इस पूरे मामले में पधरावनी के वीडियो वायरल होने पर बवाल मचा हुआ है. जिसमें सतीश सक्सेना अपने हाथों में भगवान चंद्रमोलेश्वर के जैसी दिखने वाली प्रतिमा को कार और प्लेन में बैठाकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं. साथ ही कुछ वीडियो में पधरावनी करते हुए भक्त भी नजर आ रहे हैं.

बाबा महाकाल की प्रतिमा लेकर घूम रहा शख्स

पुजारियों ने कहा कि सतीश सक्सेना जहां भी जाते हैं वह अपने साथ भगवान महाकाल की चंद्रमोलेश्वर जैसी दिखने वाली प्रतिमा साथ ले जाते हैं. उनकी सोशल मीडिया की आईडी अब तो हटा दी गई है लेकिन जो भी वीडियो अब तक उस पर डाले गए थे. उन्हें देखने से पता चलता है कि वह इन विग्रहों को हमेशा अपने साथ लेकर चलते थे.

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने कहा कि मंदिरों और उनकी मूर्ति के परंपरा काफी प्राचीन है. सवारी में निकलने वाले विग्रहों का डुप्लीकेट बनाकर इन्हें कहीं ले जाया जाता है तो यह 420 की श्रेणी में आता है. ऐसे लोग सनातन धर्म के लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. इन्हें किसी का डर नहीं है, यह ऐसे विग्रह बनाकर सरेआम व्यापार कर रहे हैं. इन विग्रहों से हमारी आस्था जुड़ी हुई है लेकिन पधरावनी के नाम पर उन्हें प्लेन और कार के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना, पूजन करना और प्रतिमाओं को ले जाने के खर्च के साथ ही दान और भेंट लेना भी गलत है.

प्रशासक ने कार्रवाई की कही बात

इस मामले में श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि सवारी के दौरान बाबा महाकाल के विग्रह के मुखौटे हूबहू तरीके से बनाने और इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने को लेकर मंदिर के पुजारियों की आपत्ति सामने आई है. पुजारियों की मांग है कि सवारी में निकलने वाले बाबा महाकाल के मुखौटे का पेटेंट करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी.

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