मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर में योगगुरु परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर बनने वाले स्मृति भवन का भूमि पूजन और शिलान्यास किया. कोतवाली थाना क्षेत्र के निकट बनने वाले इस स्मृति भवन पर करीब 27.68 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि “सुरक्षा का माहौल ही विकास और समृद्धि की बुनियाद है. अगर प्रदेश में कानून-व्यवस्था मजबूत नहीं होती, तो कोई भी राज्य तरक्की नहीं कर सकता.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में शासन के समानांतर माफियाओं और भ्रष्टाचारियों की सत्ता चलती थी. गरीबों और व्यापारियों की जमीनों पर कब्जा आम बात थी लेकिन अब ऐसा करने वालों को जवाब देना पड़ेगा. सीएम ने सख्त लहजे में कहा. “आज अगर किसी ने बेटियों या व्यापारियों को परेशान करने की कोशिश की, तो उसे यमराज के घर भेजने में देर नहीं लगेगी,”
योगगुरु परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर बनने जा रहे स्मृति भवन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना न सिर्फ गोरखपुर के गौरव को बढ़ाएगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के नक्शे पर इस स्थान को स्थापित करेगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योग मंदिर का निर्माण कार्य डेढ़ साल के भीतर उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए. इस अवसर पर सांसद रविकिशन ने कहा कि “सीएम योगी की यह पहल अमेरिका तक गूंजेगी. योगानंद जी के अनुयायी पूरी दुनिया में हैं और यह तीर्थस्थल उनके लिए श्रद्धा का केंद्र बनेगा.”
मुख्यमंत्री ने परमहंस योगानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योगानंद जी ने ‘क्रिया योग’ के माध्यम से दुनिया को भारत की आध्यात्मिक शक्ति से परिचित कराया. उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘Autobiography of a Yogi’ के जरिए भारत की योग परंपरा को विश्वभर में फैलाया. उनका जन्म 5 जनवरी 1893 को गोरखपुर में हुआ था. उनके बचपन का नाम मुकुंद लाल घोष था.
आध्यात्मिक विरासत का सम्मान
सीएम योगी ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी परंपरा और पूर्वजों से भटक जाता है, वह अंधकार की ओर चला जाता है. हमें अपने पूर्वजों की स्मृति और विरासत को संरक्षित करना चाहिए. यह स्मृति भवन उसी भावना का प्रतीक है. इस कार्यक्रम में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया के महासचिव स्वामी ईश्वरानंद, लॉस एंजिल्स से स्वामी विश्वानंद, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक श्रीराम चौहान, फतेह बहादुर सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.