जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग सोमवार को जोर पकड़ती नजर आई. शुभम के परिजन कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से मिलकर इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा. परिजनों ने कहा कि शुभम ने आतंकियों का सामना करते हुए पहली गोली खुद खाई. इसकी वजह से बहुत से पर्यटक ऐसे थे. जो अपनी जान बचाने में कामयाब हुए. इसलिए शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाए.
शुभम की पत्नी ऐशन्या द्विवेदी ने जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में भावुक होते हुए कहा कि 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मेरे पति ने साहस का परिचय दिया. उन्होंने सीना तान कर अपना धर्म बताया और पहली गोली खुद खाई. ऐशन्या ने आगे कहा कि उनके पति का साहस और त्याग कई अनमोल जिंदगियों को बचा सका, जो राष्ट्र के लिए एक प्रेरणा है. उन्होंने मांग की कि सरकार शुभम के बलिदान को उचित सम्मान दे और उन्हें शहीद का दर्जा प्रदान करे.
इस अवसर पर शुभम के पिता संजय द्विवेदी भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन हमें इस बात का गर्व है कि उसने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए. सरकार से हमारी अपेक्षा है कि वह उसके बलिदान को सम्मानित करे और उसे शहीद का दर्जा प्रदान करे. परिजनों ने जिलाधिकारी से आग्रह किया कि वह इस मांग को शासन-प्रशासन तक शीघ्र पहुंचाएं ताकि शुभम के बलिदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल सके.
आतंकवादियों ने सबसे पहले शुभम से पूछा था उसका धर्म
जिलाधिकारी ने परिजनों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग को उचित माध्यम से सरकार तक पहुंचाया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. बताते चलें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष पर्यटक निशाना बने थे, जिनमें शुभम द्विवेदी ने भी अपनी जान गंवाई थी. आतंकवादियों ने सबसे पहले शुभम से ही पूछा था कि उसका धर्म क्या है और कलमा पढ़ने को बोला था. उसके बाद शुभम को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी.