सीधी: पूरे देश में विश्व टीबी दिवस (सोमवार) के अवसर पर टीबी मुक्त भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सीधी जिले में एक जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में टीबी विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. हिमेश पाठक ने जिले को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी.
100 दिवसीय अभियान से मिली सफलता
डॉ. पाठक ने बताया कि जिले में 100 दिवसीय विशेष अभियान चलाया गया, जिसके तहत बड़ी संख्या में लोगों की स्क्रीनिंग की गई और सैकड़ों मरीजों का पता चला. इन मरीजों को नियमित दवा, पोषण और देखभाल उपलब्ध कराई जा रही है.
टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों का संकल्प
सीधी जिले में 74 ग्राम पंचायतें लगभग टीबी मुक्त होने की कगार पर हैं। यह स्वास्थ्य विभाग, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संभव हुआ है. जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर गांव-गांव में टीबी के दुष्प्रभावों, लक्षणों, बचाव और इलाज के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है.
क्या है टीबी? इसके लक्षण और बचाव
टीबी (तपेदिक) एक संक्रामक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है. इसके प्रमुख लक्षण हैं:
लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी
बलगम या खून आना
तेजी से वजन कम होना
रात में पसीना आना और बुखार
टीबी से बचाव के लिए बीसीजी वैक्सीन, संक्रमित व्यक्ति से दूरी, संतुलित आहार और सही समय पर इलाज जरूरी है. टीबी का इलाज पूरी दवा कोर्स के साथ मुफ्त में सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है.
डॉ. पाठक ने सभी नागरिकों से इस अभियान में सहयोग करने और जिले को टीबी मुक्त बनाने में योगदान देने की अपील की.