मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास में वही जाति और कौम जीवित रहती है, जो अपने पूर्वजों के शौर्य, पराक्रम और बलिदान को जीवन का हिस्सा बनाती है. सिख गुरुओं ने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. उनकी वीरता, त्याग और बलिदान देश की आत्मा में आज भी जीवित है
सीएम योगी रविवार को गोरखपुर के पैडलेगंज स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने पर्यटन विकास कार्यों, गुरुद्वारा भवन के नए स्वरूप और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार कार्यों का लोकार्पण किया. पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के 421वें प्रकाश पर्व पर आयोजित समागम में मुख्यमंत्री ने गुरुवाणी सुनी और संगत के बीच शामिल हुए. गुरुद्वारा समिति की ओर से उन्हें प्रतीक चिन्ह, तलवार भेंटकरऔर शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया.
सिख गुरुओं की परंपरा अनुपम और अटूट रही: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं की परंपरा अनुपम और अटूट रही है. गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी महाराज तक, हर गुरु ने सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया. उन्होंने कहा कि जब भी भारतीय संस्कृति पर संकट आया, सिख गुरुओं ने आगे बढ़कर अपने बलिदान से उसे बचाया.
सीएम योगी ने विशेष रूप से गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को याद किया. उन्होंने कहा कि उनके बलिदान के 350वें वर्ष में देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. कुछ ही समय पूर्व मुख्यमंत्री आवास से नगर कीर्तन और कीर्तन पाठ के जरिए इस आयोजन की शुरुआत हुई. इसी तरह गुरु नानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाश पर्व पर भी मुख्यमंत्री आवास पर पहली बार गुरुवाणी का आयोजन हुआ था.
‘चार साहिबजादों का बलिदान भारतीय इतिहास का गौरवशाली अध्याय’
सीएम योगी ने गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान को याद किया. उन्होंने कहा कि उनका बलिदान भारतीय इतिहास का गौरवशाली अध्याय है.
उन्होंने कहा कि जब उन्हें लालच दिया गया कि इस्लाम स्वीकार कर लो तो जीवन और रियासत दोनों सुरक्षित रहेंगे, लेकिन उन्होंने झुकने की बजाय बलिदान का मार्ग चुना. छोटे साहिबजादों को दीवार में चुनवाकर शहीद कर दिया गया, लेकिन उन्होंने अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए दृढ़ निष्ठा दिखाई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यही बलिदान आज हम सभी को प्रेरित करता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 26 दिसंबर को पूरे देश में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है. यह सिख गुरुओं और साहिबजादों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने का एक ऐतिहासिक निर्णय है.