एथोस सलोमी को जीवित नेस्त्रेदमस या लीविंग नेस्त्रेदमस भी कहा जाता है. 2024 में होने वाली दर्जनों वैश्विक घटनाओं की भविष्यवाणी करने वाले सलोमी ने ‘एक साइलेंट परमाणु विस्फोट’ की आशंका जताई है, जिससे दुनिया बस कुछ ही सेकंड दूरी पर खड़ी है. चलिए जानते हैं लिविंग नेस्त्रेदमस ने आखिर क्या भविष्यवाणी की है, जिससे हलचल मची हुई है.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार सलोमी ने वर्तमान जियो-पॉलिटिकल परिदृश्य और दुनिया भर में बढ़ते संघर्षों को देखते हुए कई भयावह चेतावनी जारी की है. उसने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त हो जाएगा, लेकिन कोई भी जीत की घोषणा नहीं कर पाएगा. साथ ही उसने एक ‘अदृश्य युद्ध’ के बारे में चेतावनी दी जो एक परमाणु रिएक्टर को उड़ा सकता है, जिससे भारी तबाही मचेगी.
खत्म हो जाएगा गल्फ स्ट्रीम
इसके अलावा उन्होंने अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (एएमओसी), जिसे गल्फ स्ट्रीम के नाम से भी जाना जाता है, इसके ‘आंशिक रूप से खत्म’ होने के बारे में भी चेतावनी दी. इससे यूरोप के तापमान पर भयानक असर पड़ेगा. उसने पश्चिमी यूरोप में भयानक सूखा पड़ने और न्यूयॉर्क, मुंबई और लागोस जैसे शहरों में अचानक बाढ़ आने की आशंका भी जताई है.
यूक्रेन-रूस युद्ध में किसी की नहीं होगी जीत
सालोमे ने एक अघोषित समझौते की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि 2025 में संघर्ष स्थिर हो जाएगा, सीमाएं स्थिर हो जाएंगी और यूक्रेन एक ‘बफर राज्य’ बन जाएगा. सलोमी ने चेतावनी दी है कि इस युद्ध में किसी की जीत नहीं होगी, बल्कि आर्थिक वजहों से ये खत्म हो जाएंगे.
छिड़ेगा एक अदृश्य युद्ध
वहीं सलोमी ने कहा है कि ऐसा युद्ध होगा जिसका टेलीविजन पर प्रसारण नहीं होता, लेकिन वो हर दिन जारी है. इनमें से एक ईरान और इजरायल के बीच भूमिगत संघर्ष भी शामिल हैं. ड्रोन हमला या औद्योगिक तोड़फोड़ और साइबर हमले पहले से ही युद्ध का एक खामोश रंगमंच बना चुके हैं.
परमाणु रिएक्टर विस्फोट से मचेगी भारी तबाही
सबसे बड़ा खतरा ईरानी परमाणु रिएक्टर का नष्ट होना है, जिसका वैश्विक पर्यावरणीय और राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा. इससे भारी तबाही होगी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि विश्व एक साइलेंट परमाणु विस्फोट से बस कुछ ही सेकंड की दूरी पर है. केवल तीन राष्ट्राध्यक्ष ही इस खतरे की वास्तविक भयावहता से अवगत हैं.
धनी लोग पहले से कर रहे हैं तैयारी
इसके साथ बीच सलोमी ने खुलासा किया कि पूरे विश्व के धनी लोगों के व्यवहार से पता चलता है कि वे पहले से ही ऐसी आपदा की तैयारी कर रहे हैं, जबकि वे आम लोगों के सामने सबकुछ ठीक होने का दिखावा कर रहे हैं. ऐसे लोग स्विट्जरलैंड, अमीरात और सिंगापुर जैसे तटस्थ देशों से पासपोर्ट लेने की कोशिश कर रहे हैं.