बसरेहर, इटावा: कुशैली माइनर की पटरी से सिल्ट उठाने के ठेके की आड़ में रविवार देर रात ठेकेदार द्वारा माइनर को खोदकर सिल्ट निकाली जा रही थी. ग्रामीणों ने इस कार्य का विरोध करते हुए जेसीबी मशीन को पकड़ लिया और हंगामा खड़ा कर दिया. ग्रामीणों द्वारा सिंचाई विभाग से शिकायत के बाद ठेकेदार ने काम बंद कर दिया.
सिंचाई विभाग, इटावा डिवीजन के अंतर्गत आने वाले माइनरों और रजवाहों की सफाई के दौरान निकली सिल्ट को पटरियों पर रखवा दिया गया था. सिल्ट को हटाने के लिए विभाग ने 6 दिसंबर को नीलामी के तहत टेंडर जारी किए थे. इस प्रक्रिया में इटावा डिवीजन के लिए कुल 13 लाख रुपये के टेंडर पास किए गए, जिसमें खनन विभाग को 1 लाख 60 हजार रुपये रॉयल्टी दी गई.
सिंचाई विभाग के बसरेहर अनुभाग से बिलंदा राजवाह का 1 लाख64 हजार,खेड़ा हेलू माइनर 47 हजार,रिटौली माइनर 52 हजार,कुशैली माइनर 47 हजार एवम भरथना अनुभाग से उमरसैंडा राजवाह 1 लाख 91 हजार, कन्धेशी राजवाह 1 लाख 95 हजार रुपए के टेंडर स्वीकृत किए गए थे.
इन टेंडरों के तहत ठेकेदारों ने ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन की मदद से पटरियों पर रखी सिल्ट उठाने का काम शुरू कर दिया। हालांकि, रविवार देर रात कुशैली माइनर पर ठेकेदार ने नियमों को ताक पर रखते हुए माइनर को गहरा खोदकर अतिरिक्त सिल्ट निकालने का प्रयास किया.
ढ़िमार गांव के ग्रामीणों ने जब माइनर को खोदे जाने का पता लगाया, तो उन्होंने तुरंत इसका विरोध किया और खुदाई का कार्य रुकवा दिया.
सिंचाई विभाग का बयान:
जेई चंद्रप्रकाश ने बताया कि केवल पटरियों पर रखी सिल्ट उठाने का ठेका दिया गया था. ग्रामीणों द्वारा माइनर के अंदर से सिल्ट निकाले जाने की शिकायत मिलने पर काम रुकवा दिया गया. मामले की जांच की जा रही है, और संबंधित दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.