सिंहस्थ 2028 प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन है। इसके लिए उज्जैन में पिछले दो सिंहस्थ वर्ष 2004 और 2016 के दौरान पदस्थ रहे वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अनुभव का लाभ लिया जाए।
सरकार का संकल्प है कि सिंहस्थ श्रद्धालुओं की दृष्टि से सुविधाजनक, दुर्घटनाविहीन, आवास, आवागमन, भोजन और अन्य व्यवस्थाओं के साथ श्रेष्ठ आपदा प्रबंधन का उदाहरण बने। यह निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को सिंहस्थ की व्यवस्थाओं के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए विभागों को दायित्व दिए गए हैं। तैयारियों की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। भारत सरकार के संबंधित विभागों से भी आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश के विभिन्न रेल मंडल प्रबंधकों ने भेंट कर सिंहस्थ के लिए रेल सुविधाओं की उपलब्धता और विस्तार के संबंध में जानकारी दी है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निर्मित होने वाले घाटों और उनके निकट विभिन्न सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। सरलता और सुगमता से स्नान संपन्न हो सकें। इसके लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएंगे। पर्यटन विभाग और निजी क्षेत्र द्वारा होटलों की व्यवस्था, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारियों के लिए रहवास व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाएगा।
यह भी दिए निर्देश
- सिंहस्थ से जुड़े कार्यों की सतत समीक्षा की जाए। विभागवार बैठकें भी हों।
- अधिकारी-कर्मचारियों के प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएं।
- सिंहस्थ के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं में आधुनिक तकनीक का प्राथमिकता से उपयोग हो।
- विभिन्न देवस्थानों के परिसरों के विकास कार्य भी प्रारंभ किया जाए।
- अनुभवी अधिकारियों की सेवाएं और मार्गदर्शन लिया जाए।
- भीड़ नियंत्रण में एआइ के उपयोग के लिए अध्ययन किया जाए।
- अन्य देशों में सिंहस्थ केंद्रित सांस्कृतिक गतिविधियों की रूपरेखा को अंतिम रूप दें।