‘साहब… सरकार ने उनको कह दिया है ये नहीं चलेगा’, दाऊदी बोहरा समुदाय ने PM मोदी को सुनाई भिंडी बाजार में वक्फ के घपले की कहानी

वक्फ संशोधन कानून 2025 के दो अहम प्रावधानों पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. इस बीच गुरुवार को ही दाऊदी बोहरा समुदाय के मुसलमानों ने इस कानून को बनाने के लिए पीएम मोदी का आभार जताने के लिए उनसे दिल्ली में मुलाकात की.

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दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों ने मोदी से कहा कि यह उनकी लंबे समय से लंबित मांग थी. इन लोगों ने पीएम मोदी से कहा कि उन्हें उनके ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के दृष्टिकोण पर भरोसा है.

इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने वक्फ संशोधन कानून बनाने को लेकर उनके मन में उठे विचार, इस कानून पर मुस्लिम समुदाय के लोगों से चर्चा की कहानी बताई. उन्होंने कहा कि वे इस बिल पर तीन साल से चर्चा कर रहे थे.

पीएम मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, “बहुत कम लोगों को पता होगा कि जब मेरे मन में वक्फ एक्ट पर काम करने का विचार आया तो सबसे पहले मैंने सैयदना साहब (सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन) से सलाह मशविरा किया.फिर उन्होंने आपको मेरे पास भेजा. मैंने तीन साल तक इनको परेशान किया. मैंने कहा कि आप इसको जरा अपने तरीके से देखिए. आप अपनी लीगल एडवाइस लीजिए, मुझे ड्राफ्ट दीजिए.आप कल्पना नहीं कर सकते, सलाह मशविरा में उन्होंने मेरा इतना साथ दिया. आप जैसे जानकार लोगों से बात कर के ले आए. एक एक शब्द, फुल स्टॉफ, कोमा, क्या करना चाहिए, यहां तक मुझे मदद मिली.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये बात उनके लिए कुछ नई नहीं थी. उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम था कि कितनी पीड़ा आपलोग सह रहे हैं. एक्च्युअली वक्फ की जो भावना है आखिर ये किस चीज के लिए है, किसके लिए है. उत्तम से उत्तम कोई मॉडल दे पाएगा तो सैयदना साहब दे पाएंगे.

प्रधानमंत्री ने नए वक्फ कानून के बारे में कहा कि दुनिया देखे कि वक्फ के नाम पर क्या हुआ और अब क्या हो सकता है. और जब गरीब से गरीब इंसान की दुआ मिलेगी तो उसकी ताकत अनेक गुना बढ़ जाती है. हमारा काम है गरीब लोगों के हाथ में अधिकार देना. व्यवस्था देना. हम ऐसे लोगों के लिए इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं.

पीएम मोदी वक्फ के कारण लोगों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस अधिनियम को लाने के पीछे एक प्रमुख कारण यह था कि प्रचलित व्यवस्था से सबसे अधिक महिलाएं, विशेष रूप से विधवाएं पीड़ित थीं.

दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने मुस्लिम विधवा महिलाओं का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी ने कहा कि उनके साथ बहुत नाइंसाफी हो रही है. हमारी कोशिश है कि उनको न्याय मिले.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वक्फ कानून रातोरात नहीं आया है. इस पर लगातार 5 साल तक हर बारीक चीज पर कोशिश की गई.

पीएम मोदी से मिलने आए दाऊदी बोहरा समुदाय के एक व्यक्ति ने कहा कि प्रिवी काउंसिल ने ये कानून अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए बनाया था. लेकिन आपने ये कानून सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए नहीं बनाया बल्कि ‘अल्पसंख्यकों में भी जो अल्पसंख्यक’ हैं उनके लिए बनाया है. ये उस दिशा में बहुत बड़ा कदम है.

इसी दौरान बोहरा समुदाय के एक व्यक्ति ने पुराने वक्फ कानून की वजह से हुई अपनी परेशानियों का जिक्र पीएम मोदी के सामने किया. इस व्यक्ति ने कहा कि महाराष्ट्र के भिंडी बाजार में हमारा एक प्रोजेक्ट चल रहा था. 2015 में हमने यहां एक जमीन खरीदी थी. हम उस जमीन के मालिक हैं, बहुत मेहनत से वो जमीन खरीदी थी. 2015 में खरीदने के बाद 2019 में नासिक और अहमदाबाद का कोई शख्स जाकर कहता है कि ये जगह वक्फ है. वहां लोग रहते थे, किरायेदार थे, दुकानें हैं, एक कोई जगह होगी 700 वर्ग फीट की जहां लोग नमाज पढ़ते थे, वो कम्युनिटी हॉल थी.

इस शख्स ने कहा कि साहब इस सरकार ने इन सारी चीजों पर अब वक्फ कर दिया है. यानी कि अब रूक जाओ.ये नहीं चलेगा. 2019 में एक शख्स आता है और उस पर वक्फ कर देता है जिसका उससे कोई लेना देना नहीं है. वो जमीन बहुत महंगी थी और हमने बड़े मेहनत से खरीदी थी. इसलिए सर कानून में बदलाव लाना होगा.

इस व्यक्ति ने आगे कहा कि इस कानून का फायदा गरीब महिलाओं को होगा. दाऊदी बोहरा समुदाय इसका सपोर्ट करती है.हम बहुत शुक्रगुजार हैं कि आपने हमें इसके लिए धन्यवाद दिया.

बोहरा समुदाय के इस व्यक्ति ने कहा कि वे इस कानून से बाहर होना चाहते हैं और अपने प्रशासन के लिए एक अलग कानून या व्यवस्था चाहते हैं. इस व्यक्ति ने कहा कि इस बिल को और ऐसे दूसरे कठिन बिल को लाने के लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं.

बता दें कि दाऊदी बोहरा समुदाय शिया मुसलमानों के बीच एक समृद्ध लेकिन छोटा समुदाय है. वक्फ कानून बनने के दौरान वक्फ की जेपीसी के सामने इस समाज का प्रतिनिधित्व जाने-माने वकील हरीश साल्वे ने किया था. संयुक्त समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने की थी.

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