उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शिक्षा विभाग में करप्शन की जड़ें काफी गहरी हो गई हैं. एंटी करप्शन टीम ने खंड शिक्षाधिकारी अवनीश प्रताप सिंह के ड्राइवर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. यह घटना बरेली के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के कार्यालय में हुई, जब ड्राइवर ने रिश्वत की रकम गिनकर अपनी जेब में रखी तो टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया. इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी वहां से फरार हो गए.
यह कार्रवाई उस वक्त की गई, जब एंटी करप्शन टीम को रिश्वत लेने की सूचना मिली थी. खंड शिक्षा अधिकारी अवनीश प्रताप सिंह के ड्राइवर को मोहम्मद इलियास, जो प्रधानाध्यापक हैं, ने पांच हजार रुपए की रिश्वत दी थी. ड्राइवर ने जैसे ही रुपए गिनकर अपनी जेब में रखे, एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया, जिससे वहां अफरातफरी मच गई.
भनक लगते ही फरार हो गए खंड शिक्षा अधिकारी
रेड की भनक लगते ही बीईओ अवनीश प्रताप सिंह अपने कमरे से तुरंत भाग निकले. इस दौरान वहां की स्थिति बहुत ही तनावपूर्ण हो गई. हालांकि, टीम ने ड्राइवर को रंगे हाथ पकड़ने के बाद कार्रवाई की और रिपोर्ट भी दर्ज की. अब खंड शिक्षा अधिकारी अवनीश प्रताप सिंह के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई करने की योजना है.
काम करने के लिए मांगे जाते थे पैसे
शिक्षकों के अनुसार, बीईओ अवनीश प्रताप सिंह ने हमेशा ही काम करने के लिए रिश्वत की मांग की है और ऐसा ही मामला कई बार सामने आ चुका है. शिक्षकों का कहना है कि यदि वे निरीक्षण के समय थोड़े समय के लिए भी लेट पाए जाते हैं तो उनका वेतन रोक दिया जाता है और मामला रफा-दफा करने के लिए बाद में उनसे रिश्वत की मांग की जाती है.
जल्द ही नकेल कसने की तैयारी में विभाग
इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि रिश्वत का यह खेल शिक्षा विभाग में लंबे समय से चल रहा था, लेकिन अब एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से यह मामला उजागर हुआ है. बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) संजय सिंह ने बताया कि आरोपी ड्राइवर को निलंबित किया जाएगा और बीईओ के खिलाफ भी जल्द ही विभागीय कार्रवाई की जाएगी. यह घटना बरेली के शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है और एक चेतावनी है कि ऐसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.