उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट ने एक सरकारी अधिकारी को ऐसी अनोखी सजा सुनाई है जो कि चर्चा का विषय बन गई. सजा है कोर्ट में दिन भर बैठने की. जी हां, कोर्ट ने एक सरकारी अधिकारी को कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर कोर्ट के अंदर ही बैठने को कहा गया. उन पर बंदिश भी लगाई गई कि जब तक कोर्ट की कार्रवाई चल रही है तब तक वह बाहर नहीं जा सकते. इस आदेश के बाद सुरक्षा कर्मियों ने सरकारी अधिकारी को दायरे में ले लिया.
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला प्रयागराज के इलाहाबाद हाईकोर्ट का है. जहां पर समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव रजनीश चंद्र हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई में पहुंचे थे. यहां सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारी से पिछले आदेश को नहीं मानने पर अवमानना मानी और यह अनोखी सजा सुना दी. समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को ये अनोखी सजा हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की एकल पीठ ने सुनाया. तुरंत सुरक्षाकर्मियों ने दायरे में ले लिया और बैठने को मजबूर कर दिया.
क्या था मामला
दरअसल समाज कल्याण विभाग द्वारा कोर्ट के आदेश के अनुपालन से जुड़ा है. एक फरियादी ने कोर्ट में याचिका लगाई थी जिसके बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फरियादी को समाज कल्याण विभाग की ओर से भुगतान करने को कहा था. इसके बाद भी विभाग की ओर से फरियादी को भुगतान नहीं किया गया. कोर्ट के आदेश के बाद भी विभाग की ओर से भुगतान नहीं किए जाने के बाद फरियादी ने फिर से कोर्ट में अपील की.
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव रजनीश चंद्र को तलब किया गया. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई और अवमानना के मामले में सजा सुना दी. सजा भी ऐसी कि चर्चा का विषय बन गई. न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की एकल पीठ ने कोर्ट की कार्यवाही चलने तक कोर्ट में बैठे रहने का आदेश दिया.