Vayam Bharat

ट्रक में खलासी बनकर बैठे, सिपाही को देने लगे पैसे… ADG-DIG ने ऐसे पकड़ा Ballia का वसूली रैकेट

उत्तर प्रदेश के बलिया में ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में एडीजी और डीआईजी की संयुक्त कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने नरही इलाके में रात में छापा मारकर वसूली में लिप्त कई पुलिसकर्मियों और दलालों को मौके से ही दबोच लिया. इस दौरान कुछ रिश्वतखोर भागने में सफल हो गए. इस घटना के बाद योगी सरकार ने गुरुवार को बलिया के एसपी और एडिशनल एसपी का तबादला कर दिया. साथ ही डिप्टी एसपी (सदर) को निलंबित कर दिया. इतना ही नहीं इस वसूली कांड में शामिल आरोपी पुलिसकर्मियों- सीओ, एसएचओ, चौकी इंचार्ज व अन्य की संपत्ति की विजिलेंस जांच के भी आदेश दे दिए.

Advertisement

दरअसल, यूपी-बिहार की सीमा पर बलिया के नरही थाना क्षेत्र के भरौली चौराहा पर बुधवार की रात ADG वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया और DIG आजमगढ़ जोन वैभव कृष्ण ने छापेमारी की थी. सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी ट्रक पर सवार होकर मौके पर पहुंचे थे और वो खलासी बनकर बैठे थे. इसी दौरान पुलिसवाले ट्रक चालक से अवैध वसूली करते पकड़े गए. ऐसे में मौके से ही ट्रकों से वसूली करते हुए दो पुलिसवालों और 16 दलालों को गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि, कई सिपाही फरार होने में कामयाब हो गए.

भाग खड़े हुए पुलिसवाले

बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों ने ये रेड इतनी गोपनीय रखी कि इसकी सूचना एसपी बलिया को भी नहीं दी. वहीं, दारोगा थाने में उगाही का हिसाब देख रहे थे. जैसे ही पुलिसकर्मियों को पता चला कि डीआईजी और एडीजी की टीम ने रेड किया है, सभी पुलिसवाले थाना छोड़ कर भागने लगे. कोतवाल तक फरार हो गए.

डीआईजी के मुताबिक, इस वसूली के धंधे में लिप्त 18 लोगों को अरेस्ट किया गया है. इनमें दो पुलिसकर्मी हैं और बाकी आम नागरिक हैं. ये पुलिस के नाम पर दलाली और उगाही का काम करते थे. उन्होंने बताया कि रेड की यह कार्रवाई सादी वर्दी में हुई.

योगी सरकार का एक्शन

प्रदेश सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, बलिया के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा और एडिशनल एसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी का तबादला कर उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है जबकि डीएसपी सदर शुभ सूचित को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही डिप्टी एसपी सदर, नरही थाने के एसएचओ और पुलिस चौकी प्रभारी की संपत्तियों की सतर्कता जांच के आदेश दिए गए हैं. बयान में कहा गया है कि बिहार सीमा पर पुलिसकर्मियों द्वारा वाहनों से अवैध वसूली का खुलासा होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ सख्त कार्रवाई की है.

इससे पहले डीआईजी (आजमगढ़ जोन) वैभव कृष्ण ने संवाददाताओं को बताया कि सीमा पर पुलिसकर्मियों द्वारा जबरन वसूली की कई शिकायतें एडीजी (वाराणसी जोन) पीयूष मोर्डिया को मिली थीं. डीआईजी कृष्ण ने कहा कि छापेमारी के दौरान जबरन वसूली में शामिल दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन अन्य भागने में सफल रहे. कई बिचौलियों को भी पकड़ा गया है. जबरन वसूली करने वाला गिरोह प्रत्येक वाहन (ट्रक) से 500 रुपये वसूलते थे. अनुमान है कि हर रात करीब 1,000 ट्रक सीमा पार करते हैं. ऐसे में वसूली की रकम काफी बड़ी हो जाती है.

पुलिस सूत्रों की माने तो भरौली चेकपोस्ट पर वसूली और उगाही के इनपुट तो कई दिन पहले ही मिल गए थे. हालांकि, चार दिनों तक लगातार रेकी की गई, जब सबकुछ फाइनल हो गया तो फिर दबिश की कार्रवाई हुई. डीआईजी ने इस मामले में कोरंटाडीह चौकी प्रभारी समेत सभी पुलिस कर्मियों के साथ नरही कोतवाल को तत्काल निलंबित कर दिया है. वहीं, इस थाने में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी विधिक कार्रवाई की गई है.

Advertisements