इजरायल और ईरान की जंग में अब अमेरिका की भी एंट्री हो चुकी है. भारतीय समयानुसार रविवार सुबह अमेरिका ने अपने हवाई हमलों में ईरान के तीन परमाणु ठिकानों-फोर्डो, नतांज और इस्फहान- को निशाना बनाया. इजरायल ने इन हमलों के लिए अमेरिका की प्रशंसा की है. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिकी कार्रवाई पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ‘इस संघर्ष के हाथ से निकलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है’.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, ‘अमेरिका की ओर से आज ईरान के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई के बारे में सुनकर मैं गहरी चिंता में हूं. यह उस क्षेत्र में एक खतरनाक उकसावे वाली कार्रवाई है जो पहले से ही तनाव के कगार पर है और यह अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है.’
काबू से बाहर जा रहा संघर्ष’
उन्होंने कहा, ‘इस संघर्ष के नियंत्रण से बाहर होने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है- जिसका न सिर्फ आम नागरिकों बल्कि पूरे क्षेत्र और पूरी दुनिया पर विनाशकारी असर पड़ सकता है. मैं सभी सदस्य देशों से अपील करता हूं कि वे तनाव कम करें और संयुक्त राष्ट्र चार्टर व अंतरराष्ट्रीय कानून के अन्य नियमों के तहत अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें.’
यूएन प्रमुख ने कहा, ‘इस बेहद संवेदनशील घड़ी में अराजकता से बचना बहुत जरूरी है. इस संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है. आगे का रास्ता सिर्फ और सिर्फ कूटनीति है और शांति ही इकलौती उम्मीद है.’
शांति की अपील और धमकी एकसाथ
ट्रंप ने रविवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए शांति की अपील की और ईरान को चेताया कि ‘अभी कई टारगेट्स बचे हैं. अगर अब भी ईरान शांति की तरफ नहीं बढ़ता है तो भविष्य में और भीषण हमले होंगे.’ ट्रंप ने कहा कि ‘ईरान में या तो शांति आएगी या फिर विनाश होगा.’