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मणिपुर में फिर बिगड़े हालात, इंफाल समेत तीन जिलों में लगा कर्फ्यू, सुरक्षाबलों ने संभाली कमान

मणिपुर के इम्फाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है. यहां ड्रोन हमले के विरोध में सोमवार (9 सितंबर) की रात महिलाओं ने मशाल जुलूस निकाला था. ये लोग DGP और सिक्योरिटी एडवाइजर को हटाने की मांग कर रहे हैं.

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इम्फाल के थांगमीबंद में प्रदर्शनकारियों ने हाथों में मशालें और पोस्टर लेकर नारे लगाते हुए मार्च किया. इससे पहले सोमवार को ही प्रदर्शनकारियों ने राजभवन पर पथराव किया था.

छात्रों का नेतृत्व कर रहे एम. सनाथोई चानू ने बताया- हमने DGP, राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग की है. CRPF के पूर्व DG कुलदीप सिंह के नेतृत्व में बनी यूनीफाइड कमांड राज्य सरकार को सौंपने की मांग की है.

इंफाल में सोमवार दोपहर को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स ने राजभवन पर पत्थरबाजी की थी. इस दौरान सुरक्षाकर्मी भागते दिखे. पुलिस और सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड लगाकर रोका. कई राउंड आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट दागे. इसमें 20 स्टूडेंट्स घायल हो गए थे.

मैतेई समुदाय के ये छात्र मणिपुर में अचानक बढ़ी हिंसक घटनाओं को लेकर 8 सितंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें स्थानीय लोग भी शामिल हैं. रविवार को किशमपट के टिडिम रोड पर 3 किलोमीटर तक मार्च के बाद प्रदर्शनकारी राजभवन और CM हाउस तक पहुंच गए. ये गवर्नर और CM को ज्ञापन सौंपना चाहते थे.

सोमवार को सुरक्षाबलों ने ज्ञापन सौंपने की मांग पूरी कर दी, इसके बाद भी स्टूडेंट्स सड़क पर प्रदर्शन करते रहे. स्टूडेंट्स का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे यहां डटे रहेंगे. इस दौरान उनकी सुरक्षाबलों के साथ झड़प भी हुई.

स्टूडेंट्स 1 और 3 सितंबर को मैतेई इलाकों में हुए ड्रोन हमलों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने सेंट्रल फोर्सेस पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए उनसे राज्य छोड़कर जाने की मांग की. साथ ही राज्य के 60 में से 50 मैतेई विधायकों से अपना रुख स्पष्ट करने या इस्तीफा देने को कहा.

इन स्टूडेंट्स ने यह भी डिमांड की है कि राज्य में यूनिफाइड कमांड की कमान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दी जाए. यानी, सेंट्रल और स्टेट फोर्स की कमान केंद्र की बजाय मुख्यमंत्री के पास हो. ये लोग DGP और सिक्योरिटी एडवाइजर को हटाने की भी मांग कर रहे हैं.

मणिपुर में जारी हिंसा और अराजकता थम नहीं रही है. बीते 11 दिन में 8 लोगों की मौत हो चुकी है. कुकी बहुल कांग्पोक्पी के थांगबू गांव में रविवार शाम संदिग्ध मैतेई हथियारबंद लोगों ने गोलीबारी की थी, जिसमें नेंगजाखल लहुगडिम (50) की मौत हो गई. विष्णुपुर के सुगनू गांव पर भी हमला हुआ.

दरअसल, विष्णुपुर मैतेई बहुल इंफाल और कुकी बहुल चूराचांदपुर के बीच बफर जोन है. यहां ज्यादातर मैतेई रहते हैं, लेकिन सुगनू गांव में कुकी हैं, जो चूराचांदपुर से सटा है.

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