सीवान: भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पैतृक गांव जीरादेई में बुधवार को जिरादेई महोत्सव शानदार अंदाज में मनाया गया. जीरादेई महोत्सव के सांस्कृतिक खुशबू में सभी सराबोर हो गए. देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष का दायित्व संभाला था. जिसके उपलक्ष्य पर यह महोत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है. इस महोत्सव में प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू के पसंद का खास ख्याल रखा गया. राजेंद्र बाबू के प्रिय खेल कबड्डी को खेल स्पर्धा के तहत खेला गया और उनके प्रिय भोजपुरी गीत बटोहिया की प्रस्तुति सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत दी गई. खेल स्पर्धाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर उनका उत्साह वर्धन किया गया.
डीए ने राजेंद्र बाबू की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
जिरादेई महोत्सव के तहत दिनभर अनेक गतिविधियां आयोजित की गई. सुबह स्कूली बच्चों ने प्रभातफेरी के माध्यम से राजेंद्र बाबू के संदेशों को प्रसारित किया. जिसके उपरांत जिला पदाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता, एसपी अमितेश कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने राजेंद्र बाबू के पैतृक निवास स्थान पर और राजेंद्र उद्यान में स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. वहीं महेंद्र उच्च विद्यालय परिसर में दंगल, कबड्डी और वॉलीबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया.
जिरादेई महोत्सव के तहत सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ. जिसका उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्ष संगीता यादव, डीडीसी मुकेश कुमार, एडीएम उपेंद्र सिंह, एसडीएम सुनील कुमार, डीसीएल आर शाहबाज खान सहित अन्य वरीय अधिकारियों ने दीप प्रज्जवलन किया. सबसे पहले स्वागत-गान राजवंशी देवी हाई स्कूल की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया. वहीं अतिथियों का स्वागत जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी डॉक्टर ऋचा वर्मा और अंचलाधिकारी जीरादेई द्वारा किया गया. इसके बाद स्थानीय शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के जीवन दर्शन और वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला.
इंडियन आइडल फिल्म पूजा चटर्जी और सतीश पप्पू ने बांधा समां
सांस्कृतिक संध्या में उस समय रोमांच उत्पन्न हो गया जब राजवंशी देवी उच्च विद्यालय की बालिकाओं द्वारा राजेंद्र बाबू के प्रिय भजन वैष्णव जन और उनके प्रिय गीत बटोहिया की प्रस्तुति दी गई. गौरतलब है कि बटोहिया गीत को रघुवीर नारायण ने 1911 में राजेंद्र बाबू की प्रेरणा पर ही लिखा था. जिसे भोजपुरी का प्रथम राष्ट्रीय गीत का माना जाता है. इसके बाद छात्राओं ने सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी. इसके बाद इंडियल आइडल फेम पूजा चटर्जी ने अपने स्वर से संस्कृति संध्या को खूबसूरत बनाया. कॉमेडियन सतीश पप्पू ने भी लोगों को खूब हंसाया.