भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में टीआईटी कॉलेज की हिंदू छात्राओं के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के सनसनीखेज मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इस मामले में पुलिस पर लीपापोती और सुस्ती के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
पीड़ित छात्राओं ने पुलिस को मुख्य आरोपित फरहान, अबरार, और नबील के अलावा छह और मुस्लिम छात्रों के इस संगठित गिरोह में शामिल होने की जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस ने इन संदिग्धों से पूछताछ तक नहीं की।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने संगठित अपराध की धारा जोड़ने की सिफारिश की थी, पर पुलिस की निष्क्रियता से मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। पुलिस अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से कतराते नजर आ रहे हैं।
पीड़िताओं ने खोला था गिरोह का राज
रायसेन रोड स्थित टेक्नोक्रेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (टीआईटी) कॉलेज में इंजीनियरिंग, मेडिकल, और कॉमर्स की पढ़ाई करने वाले हजारों छात्र देशभर से आते हैं। इनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं।
पीड़िताओं ने पुलिस को बताया कि कॉलेज में कई मुस्लिम युवक हिंदू छात्राओं को प्रेम जाल में फंसाने का सुनियोजित पैटर्न अपना रहे थे। उन्होंने छह से अधिक मुस्लिम छात्रों पर इस गिरोह में शामिल होने का संदेह जताया।
पीड़िताओं के बयानों के आधार पर पुलिस की एक टीम कॉलेज पहुंची, लेकिन इन संदिग्धों से कोई पूछताछ नहीं की गई। जोन एक की डीसीपी प्रियंका शुक्ला से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने पहले चुप्पी साधी और बाद में फोन उठाना बंद कर दिया। अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस मामले पर टिप्पणी से बच रहे हैं।
फरहान के दोस्तों को बुलाकर छोड़ा
पुलिस ने मुख्य आरोपित फरहान के कुछ दोस्तों से पूछताछ की, जिनसे वह फोन पर सबसे अधिक बात करता था। छह लोगों को थाने बुलाकर उनसे छात्राओं के वीडियो के प्रसार और उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया।
हालांकि, पुलिस का दावा है कि इनकी कोई संलिप्तता नहीं पाई गई, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया। पीड़िताओं का कहना है कि गिरोह के अन्य सदस्य अभी भी सक्रिय हैं, लेकिन पुलिस ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
अब तक की कार्रवाई
11 अप्रैल: एक छात्रा ने मारपीट और दुष्कर्म की शिकायत की। बागसेवनिया पुलिस ने शांतिभंग का मामला दर्ज कर फरहान को जेल भेजा।
12 अप्रैल: पीड़िता ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज की। पुलिस ने फरहान और साहिल के खिलाफ दुष्कर्म और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
बाद की तारीखें: तीन अन्य युवतियों ने शिकायत दर्ज की, जिसमें फरहान, साहिल, अली, साद, नबील, और अबरार को आरोपित बनाया गया।
24 अप्रैल: समाचार पत्रों में खबर छपने के बाद पुलिस ने जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया।
28 अप्रैल: पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश में फरहान को पैर में गोली लगी।
वर्तमान स्थिति: पांच आरोपित जेल भेजे गए, लेकिन छह अन्य संदिग्धों पर कोई कार्रवाई नहीं।
पुलिस की गाइडलाइन तैयार करने की कवायद
भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विस्तृत गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है। महिला सुरक्षा शाखा और लव जिहाद मामलों की जांच के लिए बनी SIT इस गाइडलाइन को अंतिम रूप दे रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए थे। गाइडलाइन में कॉलेज, डांस क्लास, और कंप्यूटर सेंटर जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी और घटनाओं को रोकने के उपाय शामिल होंगे।
आरोपों के बीच सवाल
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को संगठित अपराध मानते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता से पीड़िताओं और उनके परिजनों में आक्रोश है।
कॉलेज प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि मुख्य आरोपित फरहान का आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद उसे स्कॉलरशिप दी जा रही थी। इस मामले में पुलिस और कॉलेज प्रशासन की जवाबदेही तय करने की मांग जोर पकड़ रही है।