भारत सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Saving Schemes) पर ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है, यानी अभी तक आपको जितनी ब्याज दरें मिल रही थीं, उतनी ही आगे मिलती रहेंगी. इन योजनाओं का उद्देश्य लोगों को बचत के लिए प्रोत्साहित करना है, ये योजनाएं खासकर छोटे निवेशकों, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं. इन स्कीम्स में निवेश पर सरकार एक निश्चित ब्याज दर देती है, जो तिमाही आधार पर तय की जाती है.
दरअसल, भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), और पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसी योजनाएं शामिल हैं. यह निर्णय वित्त मंत्रालय द्वारा 30 जून 2025 को जारी एक अधिसूचना में लिया गया, जिसके अनुसार ये दरें पिछले तिमाही के समान रहेंगी.
वित्त मंत्रालय हर तिमाही में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करता है, जो सरकारी बॉन्ड यील्ड और आर्थिक परिस्थितियों पर आधारित होती है. यह लगातार छठी तिमाही है जब इन योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिरता, मुद्रास्फीति के स्तर, और रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति के कारण ब्याज दरों में बदलाव की आवश्यकता नहीं पड़ी. स्थिर ब्याज दरें निवेशकों को निश्चितता प्रदान करती हैं, खासकर उन लोगों को जो जोखिम-मुक्त निवेश विकल्पों को प्राथमिकता देते हैं.
PPF सबसे लोकप्रिय योजना
ये योजनाएं मिडिल क्लास और सीनियर सिटीजन के बीच लोकप्रिय हैं, क्योंकि ये सुरक्षित रिटर्न और कर लाभ प्रदान करती हैं. विशेष रूप से PPF और एसएसवाई जैसी योजनाएं आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट प्रदान करती हैं. स्थिर ब्याज दरें निवेशकों को अपनी वित्तीय योजनाओं को बिना किसी बदलाव के जारी रखने में मदद करेंगी.