मैहर और रीवा में स्मार्ट मीटर के खिलाफ बढ़ता जनाक्रोश पूर्व विधायक उतरे सड़क पर

मैहर : हजारों ग्रामीणों और समर्थकों ने पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में स्मार्ट मीटर के खिलाफ एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने घंटाघर चौराहे पर सरकार और बिजली कंपनियों के खिलाफ जमकर नारे लगाए, स्मार्ट मीटर योजना को “जनता का आर्थिक शोषण” करार दिया.

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यह आक्रोश सिर्फ मैहर तक सीमित नहीं है, बल्कि रीवा जिले में भी स्मार्ट मीटर को लेकर गहरा असंतोष व्याप्त है, जहाँ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उपभोक्ता बिजली के बढ़ते बिलों और नई मीटरिंग प्रणाली की अस्पष्टता से परेशान हैं.
नारायण त्रिपाठी ने अपने संबोधन में स्पष्ट रूप से कहा कि वे देश को अडानी के हाथों में नहीं जाने देंगे और स्मार्ट मीटर के नाम पर हो रही “वसूली की साजिश” का पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वे इन मीटरों को अपने घरों में नहीं लगने देंगे, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह आंदोलन केवल मैहर तक सीमित नहीं रहेगा.

 

 

नारायण त्रिपाठी ने जनता के बढ़ते गुस्से को उजागर करते हुए बताया कि ग्रामीण जनता पहले से ही बढ़ती महंगाई और बिजली के भारी बिलों से परेशान है.उन्होंने तर्क दिया कि स्मार्ट मीटर लगने से उन पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा, जिसका सीधा लाभ बिजली कंपनियों को होगा.

 

प्रदर्शनकारियों का मानना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनके बिजली के बिल कई गुना बढ़ जाएंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब हो जाएगी.रीवा में भी उपभोक्ताओं का यही अनुभव रहा है, जहाँ स्मार्ट मीटर लगने के बाद से कई घरों के बिलों में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे आम जनता में गहरा रोष है.

 

पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने सरकार को सख्त चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं और स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तुरंत बंद नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन जल्द ही एक प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है, जिसमें मैहर और रीवा जैसे जिलों की जनता एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएगी.उन्होंने सरकार से जनता की बात सुनने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया.

 

प्रदर्शन के बाद, नारायण त्रिपाठी और उनके समर्थकों ने प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने और पारंपरिक मीटर व्यवस्था को बहाल करने की मांग की गई है.इस प्रदर्शन में मैहर के ग्रामीणों के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए.घंटाघर चौराहे पर भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण पुलिस बल भी तैनात किया गया था। हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसने स्मार्ट मीटर के खिलाफ लोगों के बढ़ते गुस्से और असंतोष को स्पष्ट रूप से दर्शाया है.

यह घटना सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है, जिसमें उसे न केवल मैहर बल्कि रीवा जैसे अन्य जिलों में भी जनता की चिंताओं को संबोधित करना होगा, जहाँ बिजली के बढ़ते बोझ से जनता त्रस्त है.

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