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गुजरात सरकार के दफ्तरों में पहले स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, फिर घरों में, विरोध के बाद लिया गया फैसला

अहमदाबाद: गुजरात में बिजली विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को घरों पर लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. उपभोक्ताओं के विरोध को देखते हुए विभाग ने स्मार्ट लगाने का काम रोक दिया है और तर्क दिया है कि पहले स्मार्ट मीटर ग्राहकों के घरों की जगह सरकार ऑफिस में लगेंगे, जिससे लोगों में इन मीटरों को लेकर विश्वास हासिल किया जा सके.

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बिजली विभाग ओर से पूरे राज्य में अब तक 50 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. ऐसे में जिन घरों में स्मार्ट मीटर लगे हैं. वो उपभोक्ता लगातार बिल के बढ़कर आने की शिकायत कर रहे हैं. उपभोक्ताओं का आरोप है कि पुराने मीटर की तुलना में स्मार्ट मीटर से बिजली का बिल कई गुना बढ़कर आ रहा है. इसीलिए वह इन मीटर का विरोध कर रहे हैं.

वहीं, स्मार्ट मीटर लगने के बाद बड़ौदा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. जहां एक मकान में किराए पर रहने वाले शख्स के घर का बिल 9 लाख रुपये आया, जिसकी शिकायत किए जाने पर विभाग की तरफ से अपनी गलती को स्वीकार कर ग्राहक ने इस्तेमाल की हुई बिजली के मुताबिक ग्राहक को बिल भेजा गया है.
स्मार्ट मीटर लगाने के विरोध बढ़ता देख गांधीनगर में अधिकारियों ने एक बैठक बुलाई, जिसमें पहले लोगों का विश्वास जीत के लिए इन मीटरों को सरकारी विभागों में लगाने का फैसला लिया गया है. साथ ही जिन ग्राहकों का मीटर लगाने के बाद बिल ज्यादा आया है. उन्होंने स्पष्ट बताया गया है कि उनके बकाया बिल को जोड़ कर नए बिल में भेजा गया है, जिसकी वजह से लोगों को स्मार्ट मीटरों पर शक हो रहा है. साथ ही बैठक में फैसला लिया गया है कि पुराने बकाया बिल को भी उपभोक्ताओं के बिल में जोड़कर नहीं भेजा जाएगा.

स्मार्ट मीटर में हैं कई सुविधाएं

गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर जयप्रकाश शिवहरे ने कहा है कि स्मार्ट मीटर सबसे पहले GEB की कॉलोनी एवं पावर स्टेशन में लगाकर टेस्टिंग किया गया था. जिसकी सफलता के बाद ही पुराने मीटरों की जगह स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों में लगाए जा रहे है.

जयप्रकाश शिवहरे ने कहा कि स्मार्ट मीटर में रिचार्ज, ग्राहक को डिस्काउंट मिल सके, यूज़ेस अपने फोन में देखा जा सकने वाली कई सुविधाएं हैं. स्मार्ट मीटर के जरिए ग्राहक अपने मोबाइल फोन से चेक कर पाएंगे कि कितनी यूनिट उन्होंने इस्तेमाल की है और उपभोक्ता मोबाइल से आसानी से रिचार्ज कर सकेंगे.

उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर को लेकर कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं, जिसकी वजह से भी विरोध हो रहा है. जयप्रकाश शिवहरे ने कहा कि हम आने वाले दिनों में लोगों का विश्वास जीतकर ही स्मार्ट मीटर लगेंगे. स्मार्ट मीटर के साथ इससे पहले भी पांच प्रतिशत केस में चेक मीटर लगाए जाते थे. ग्राहकों के मन में स्मार्ट मीटर को लेकर कोई आशंका होगी तो हर किसी के घर में चेक मीटर भी लगाए जाएंगे. स्मार्ट मीटर में कुछ भी छिपाने जैसा नहीं है.

कांग्रेस-AAP ने किया सरकार पर हमला

गुजरात विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता अमित चावड़ा की तरफ से स्मार्ट मीटर को लेकर गुजरात सरकार पर आक्षेप किया और कहा कि राज्य में करीब 1.50 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. जिसमें कम से कम 300 रुपये का बैलेंस रखना होगा. स्मार्ट मीटर के माध्यम से रिचार्ज के नाम पर करोड़ों रुपये सरकार ग्राहकों से बिजली के इस्तेमाल के पहले ही लूटने का षड्यंत्र कर रही है.

अमित चावड़ा ने मांग की है कि स्मार्ट मीटर लगाने से पहले गुजरात सरकार लोगों को 200 यूनिट फ्री दे. ग्राहकों को स्मार्ट मीटर लगना या नहीं इसका विकल्प सरकार दें. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिल ज्यादा आने की शिकायत मिल रही है. जिनका 2 महीने में 4500 रुपये बिल आता था. उनका बिल मात्र 20 दिन में ही 4000 रुपये आ रहा है.

जिस तरह से मोबाइल में प्रीपेड और पोस्टपेड दो विकल्प होते हैं. ऐसे ही स्मार्ट मीटर में भी लोगों को विकल्प दिया जाना चाहिए. स्मार्ट मीटर में रिचार्ज खत्म हो जाता है तो तुरंत ही लाइट कट जा रही है. ऐसे में जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है. वह कैसे रिचार्ज करवाएंगे, यह भी बड़ा सवाल है. क्या गरीबों को राज्य सरकार आने वाले समय में स्मार्टफोन देने का आयोजन बना रही है? स्मार्ट मीटर के माध्यम से लोगों को लूटने की कोशिश हो रही है, अगर सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने के कामकाज को रोका नहीं तो आने वाले दिनों में सविनय कानून भंग कर कांग्रेस विरोध करेगी. वहीं, आप नेता इशूदान गढ़वी ने राज्य में लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की मांग की है.

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