मणिपुर में हिंसा का एक नया दौर शुरू हो गया है और राज्य के कई जिलों में हमले हुए हैं जिनमें कुछ लोगों की मौत हुई है. मणिपुर के जिरीबाम जिले में शनिवार सुबह हुई ताजा हिंसा में कम से कम पांच लोग मारे गए. कुछ संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने राज्य की राजधानी इंफाल से करीब 230 किलोमीटर दूर नुंगचप्पी गांव पर हमला किया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह सो रहा था, वहीं बाद में हुई गोलीबारी में चार हथियारबंद लोग मारे गए.
Witness the arrogance & callousness of the CO of Assam Rifles Batallion at Jiribam, Manipur (Col Akash, CO 39 AR ) towards Meitei women whose village has been hit hard by drone & missile attacks by Kuki terrorists! pic.twitter.com/xJWCKWBxcg
— Madhu Purnima Kishwar (@madhukishwar) September 7, 2024
पुलिस के मुताबिक, उग्रवादी जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर एक सुनसान स्थान पर अकेले रहने वाले व्यक्ति के घर में घुसे और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. अधिकारी ने बताया कि हत्या के बाद जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर पहाड़ियों में युद्धरत समुदायों के हथियारबंद लोगों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीन पहाड़ी उग्रवादियों सहित चार हथियारबंद लोगों की मौत हो गई.
मणिपुर में बढ़ते तनाव के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तलाशी अभियान में बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया. लोइचिंग रिज, कांगपोकपी जिले से बरामद किए गए हथियारों में एक 7.62 मिमी स्नाइपर राइफल, एक.22 राइफल, एक एसबीबीएल बंदूक, दो 9 मिमी पिस्तौल, एक इम्प्रोवाइज्ड लॉन्ग रेंज मोर्टार (पोम्पी), एक स्टैंड के साथ इम्प्रोवाइज्ड शॉर्ट रेंज मोर्टार, एक वायरलेस सेट बाओफेंग, एक एमके-III ए2 ग्रेनेड, दो एचई -36 हैंड ग्रेनेड, एक डब्ल्यूपी ग्रेनेड,दो स्टन शैल, 14 लाइव गोला बारूद राउंड, दो शॉर्ट रेंज मोर्टार बम, दो लॉन्ग रेंज मोर्टार बम शामिल हैं.
हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों और केंद्रीय बलों ने राज्य के सीमांत क्षेत्रों में कुछ ड्रोन रोधी सिस्टम्स तैनात की हैं, ताकि किसी भी तरह के खतरनाक ड्रोन को रोका जा सके. सीआरपीएफ ने भी एक ड्रोन रोधी प्रणाली का परीक्षण किया है और इसे राज्य में तैनात बल को प्रदान किया गया है. सीआरपीएफ द्वारा जल्द ही कुछ और ड्रोन रोधी बंदूकें राज्य में लाई जा रही हैं. वहीं राज्य पुलिस ने भी अपने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और ड्रोन से होने वाले खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ड्रोन रोधी प्रणाली की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इससे पहले शुक्रवार को काकचिंग जिले में भी हिंसा की खबरें आईं थी, जहां गोलीबारी और बमबारी हुई. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को भी बिष्णुपुर जिले में रॉकेट हमलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए. पहला रॉकेट हमला बिष्णुपुर जिले के ट्रोंगलाओबी में सुबह करीब 4.30 बजे हुआ, जिसमें दो इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. दूसरा “अनगाइडेड” रॉकेट मिसाइल व्यस्त मोइरांग शहर के मैरेम्बम लेकाई में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के आवास के परिसर पर गिरा, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई और 13 वर्षीय लड़की सहित पांच अन्य घायल हो गए.
बिष्णुपुर जिले में एक अलग बम हमले में भी कई लोग घायल हुए. ड्रोन हमलों को देखते हुए मणिपुर पुलिस ने क्षेत्र में ड्रोन रोधी सिस्टम तैनात किए हैं और कथित तौर पर ऐसे और सिस्टम्स और ड्रोन रोधी बंदूकें खरीदने की प्रक्रिया जारी है. मणिपुर में आसपास की पहाड़ियों में तलाशी अभियान चलाने के लिए कई पुलिस टीमों और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि हवाई गश्त करने के लिए एक सैन्य हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है.
इस बीच, बिष्णुपुर और इंफाल पूर्वी जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों ने शुक्रवार रात को कई ड्रोन देखे जाने के बाद अपनी लाइटें बंद कर दीं. अधिकारियों ने कहा कि बिष्णुपुर जिले के नारायणसेना, नाम्बोल कामोंग और इंफाल पूर्वी जिले के पुखाओ, दोलाईथाबी, शांतिपुर में कई ड्रोन देखे गए, जिससे इलाकों में दहशत फैल गई.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए भाजपा, नागा पीपुल्स फ्रंट और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायकों सहित राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के साथ शनिवार शाम को एक आपात बैठक बुलाई. राज्य में हिंसा की ताजा घटनाओं के बीच शनिवार शाम को सीएम बीरेन सिंह ने राज्यपाल एल.आचार्य से भी मुलाकात की.
सितंबर के पहले सप्ताह से ही मणिपुर में जुलाई और अगस्त 2023 में देखी गई हिंसा की तीव्रता फिर से बढ़ गई है। हवाई बमबारी, आरपीजी और अत्याधुनिक हथियारों के लिए ड्रोन के इस्तेमाल के बाद हालात और खराब हो गए हैं. इस बीच, मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) ने एक कड़ा अल्टीमेटम जारी किया है, जिसमें मणिपुर में चल रहे संकट को हल करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों से तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की मांग की गई है. इसने स्थिति से निपटने के लिए बलों को पांच दिन की समय सीमा तय की है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि कार्रवाई न करने पर लोगों को अपनी आबादी की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने पड़ेंगे.
समिति ने स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय बलों के तरीके, खासकर कुकी उग्रवादी समूहों से निपटने के उनके तरीके पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है. अपने अल्टीमेटम में, COCOMI ने या तो इन उग्रवादी समूहों पर कड़ी कार्रवाई करने या मणिपुर से केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का आह्वान किया है.
इंफाल घाटी के पांच जिलों के हजारों निवासियों ने शुक्रवार को एकजुट होकर मणिपुर में हाल ही में हुए ड्रोन और बंदूक हमलों का विरोध करने के लिए मानव श्रृंखला बनाई. मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) द्वारा आयोजित रैली में स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ विभिन्न इलाकों की महिलाओं ने भी भाग लिया. वे थौबल जिले के थौबल बाजार, लिलोंग चाजिंग और इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई, क्वाकेथेल और सिंगजामेई की सड़कों के किनारे खड़े होकर हिंसा की निंदा करते हुए नारे लगा रहे थे.