भारत सरकार ने अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे के बाद सभी बोइंग 787 विमानों की तत्काल जांच शुरू कर दी है. अधिकारी सभी संभावित कारणों की जांच कर रहे हैं. विमानन नियामक ने शुक्रवार को एयर इंडिया को जीईएनएक्स इंजन से लैस अपने बोइंग 787-8/9 विमानों पर अतिरिक्त रखरखाव जांच करने का आदेश दिया, जिसमें कुछ टेक-ऑफ मापदंडों का आकलन, इलेक्ट्रॉनिक इंजन नियंत्रण परीक्षण और इंजन ईंधन से संबंधित जांच शामिल है. इसके बाद बोइंग 787 विमानों की जांच शुरू हुई है.
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि एयर इंडिया भारतीय विमानन नियामक, DGCA द्वारा निर्देशित एक बार की सुरक्षा जांच को पूरा करने की प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा कि ये जांच बोइंग 787 बेड़े पर की जा रही है, क्योंकि वे अपने अगले परिचालन के लिए मंजूरी दिए जाने से पहले भारत लौट रहे हैं.
एयर इंडिया प्रवक्ता ने बताया कि एयर इंडिया ने बोइंग 787 विमानों में से नौ पर ऐसी जांच पूरी कर ली है और शेष 24 विमानों के लिए नियामक द्वारा दी गई समय-सीमा के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तैयार है. इनमें से कुछ जांचों के कारण कुछ लंबी दूरी के मार्गों पर अधिक समय लग सकता है और संभावित देरी हो सकती है, खासकर उन हवाई अड्डों पर जहां परिचालन कर्फ्यू है.
नौ 787 विमानों की जांच पूरी
प्रवक्ता ने बताया कि ग्राहकों को किसी भी देरी के बारे में विधिवत सूचित किया जाएगा. उन्हें सलाह दी गई है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले अपनी उड़ानों की स्थिति की जांच करें. इस व्यवधान से प्रभावित ग्राहकों के लिए, रद्दीकरण पर रिफंड या मानार्थ पुनर्निर्धारण का प्रस्ताव दिया गया है.
इससे पहले विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने नई दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमने 787 विमानों की विस्तारित निगरानी करने का भी आदेश दिया है. हमारे भारतीय बेड़े में 34 विमान हैं. नौ विमानों का पहले ही निरीक्षण किया जा चुका है और तत्काल तत्परता के साथ, उन सभी का निरीक्षण किया जा रहा है.”
हर पहलु की हो रही है जांच
आंकड़ों के अनुसार, एयर इंडिया 33 बोइंग 787 विमान संचालित करती है, जबकि प्रतिद्वंद्वी एयरलाइन इंडिगो के पास एक विमान है. नायडू ने यह भी कहा कि सरकार दुर्घटना के कारणों के बारे में सभी संभावित सिद्धांतों पर विचार करेगी. एयर इंडिया और भारत सरकार दुर्घटना के कई पहलुओं पर विचार कर रही है, जिसमें इंजन थ्रस्ट, फ्लैप्स से जुड़े मुद्दे और विमान के उड़ान भरने और फिर नीचे आने के दौरान लैंडिंग गियर खुला रहने का कारण शामिल है.
इस संकट ने एयर इंडिया पर भी गहरा असर डाला है, जिसने 2022 में टाटा समूह द्वारा भारत सरकार से एयरलाइन का अधिग्रहण करने के बाद वर्षों से अपनी प्रतिष्ठा को फिर से बनाने और अपने बेड़े को नया रूप देने के लिए संघर्ष किया है.
नायडू ने कहा कि एक सरकारी पैनल दुर्घटना की जांच कर रहा है और तीन महीने के भीतर एक रिपोर्ट जारी करेगा. उन्होंने कहा, “हम सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए हर आवश्यक चीज में सुधार करने जा रहे हैं.”