डीडवाना – कुचामन : आज की भागदौड़ भरी जिदगी में हर कोई अपने ही जीवन में मगन है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने साथ साथ समाज के लिए भी कुछ खास योगदान करने का जज्बा रखते हैं. ऐसे ही विरले व्यक्तित्व के धनी है डीडवाना – कुचामन जिले के मकराना विधानसभा के ग्राम मामडोली निवासी समाजसेवी हिम्मत सिंह राठौड़, जिन्होंने गांव की चार गरीब कन्याओं की धूमधाम से शादी करवाकर समाज प्रेरणा की मिसाल पेश की है.
सजा धजा पांडाल, नाचते झूमते सैकड़ों बाराती और उनके स्वागत के खड़ा पूरा गांव, यह नजारा था ग्राम मामडोली का, जहां गांव की चार बेटियों की जब शादी हुई तो हर कोई भावुक हो गया। इस सामूहिक कार्यक्रम में गूंजते वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर गांव की चार बेटियों ने अपने पति के संग सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा किया.
विवाह के बाद सभी जोड़ों के वैवाहिक जीवन के सुखी व खुशहाल होने की कामना की गई। वहीं जब उनकी विदाई हुई तो हर किसी की आंख नम हो गई. दरअसल, मकराना की ग्राम पंचायत मामडोली निवासी समाजसेवी हिम्मत सिंह राठौड़ और उनके बेटे गौरव सिंह राठौड़ ने निर्धन परिवारों की इन चार बेटियों की धूमधाम से शादी करवाई.
मामडोली ग्राम के बाबूलाल वैष्णव परिवार की चार बेटियों यशस्वी का गोरी शंकर के साथ, ममता का घनश्याम के साथ, गायत्री का पवन कुमार के साथ ओर पूजा का मुरारीलाल के साथ हिन्दू रीति रिवाज अनुसार भव्य तरीके से विवाह हुआ. समाजसेवी हिम्मत सिंह के पुत्र गौरव सिंह खुद सपत्नीक एक बेटी के फेरे में बैठे ओर कन्यादान किया. इस विवाह का संपूर्ण खर्चा हिम्मत सिंह राठौड़ और उनके बेटे गौरव सिंह राठौड़ ने उठाया। इस विवाह पर करीब 20 लाख रुपए से अधिक रुपए खर्च हुए.
यह शादी सर्व समाज के लिए सामाजिक प्रेरणा बन कर उभरी। इस शादी में हिम्मत सिंह ने सभी बेटियों को सोने, चांदी के उपहार के साथ ही घरेलू सामान भी उपहार स्वरूप दिए। साथ ही चारों बेटियों को 50- 50 हजार रुपए की एफडी डिपॉजिट करवाई.
शादी का पूरा आयोजन हिम्मत सिंह के निजी आरामबाग भवन में किया गया। इसके लिए पूरे भवन को लाइटिंग डेकोरेशन से सजाया गया। ज्यों ही बारात तोरण के लिए पहुंची, तो क्षेत्रीय विधायक जाकिर हुसैन गैसावत, समाज सेवी दलपत सिंह रूणिजा, सरपंच दिलीप सिंह सहित समूचे गांव के लोगों ने बारात ओर मेहमानों की अगवानी की.
साथ ही बारातियों सहित 2000 आगंतुक मेहमानों ने एक साथ भोजन ग्रहण किया. इस मौके पर हिम्मत सिंह मामडोली ने कहा कि शास्त्रों में कन्या दान को महादान माना गया है. मेरा सपना था कि मैं जरूरतमन्द कन्याओं की शादी कर उनका घर बसाऊं. ऐसे में वैष्णव परिवार की चार बेटियों के हाथ पीले कर मुझे असली खुशी मिली है.
जबकि वैष्णव परिवार के मुखिया बाबूलाल वैष्णव ने राठौड़ परिवार सहित सभी ग्रामीणों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि ऐसा लगा जैसे मेरी बेटी नहीं, बल्कि पूरे गांव की बेटी की शादी है. वहीं ग्रामीणों ने भी बेटियों को सफल जीवन ओर उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आशीर्वाद देकर उन्हें विदा किया.