मैक्सिको में कल यानी सोमवार सुबह 11 बजते ही (भारतीय समय अनुसार सोमवार रात करीब 10 बजे) दिन में अंधेरा छा गया. इसी के साथ साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा. मैक्सिको के साथ-साथ इसका असर अमेरिका और कनाडा में भी दिखा. यहां ग्रहण के रास्ते में पड़ने वाले राज्यों में करीब 4 मिनट 28 सेकेंड तक दिन में अंधेरा रहा.
वहीं, 54 देशों में आंशिक सूर्य ग्रहण लगा. सोमवार को लगे सूर्य ग्रहण का भारत में कोई असर दिखाई नहीं दिया, क्योंकि ग्रहण जब शुरू हुआ उस वक्त यहां रात थी. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बताया कि अब अमेरिका में अगले 21 सालों तक (2045) ऐसा सूर्य ग्रहण देखने को नहीं मिलेगा.
साल 2017 के बाद यह पहला मौका था जब नॉर्थ अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण नजर आया. नासा के मुताबिक, पूर्ण सूर्य ग्रहण की अवधि 10 सेकेंड से साढ़े 7 मिनट तक की हो सकती है. 2017 में यह अवधि 2 मिनट 42 सेकेंड रही थी. वहीं सोमवार को पूर्ण सूर्य ग्रहण 4 मिनट 28 सेकेंड तक रहा.
ग्रहण की पहली झलक मैक्सिको के माजतलान में तो वहीं इसका आखिरी नजारा कनाडा के न्यूफाउंडलैंड में दिखा. नासा के मुताबिक, सूर्य ग्रहण अपने पूर्ण रूप में मैक्सिको के नाजास शहर में नजर आया. यहां इसकी अवधि 4 मिनट 28 सेकेंड रही.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका में इस बार के पूर्ण सूर्य ग्रहण के रास्ते में 3 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. इसके अलावा, अधिकारियों के मुताबिक, करीब 50 लाख लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से सूर्य ग्रहण देखने अमेरिका पहुंचे. ग्रहण के शुरू होने से लेकर पूर्ण ग्रहण लगने तक करीब 80 मिनट का समय लगा. इसके बाद पूरी तरह से ग्रहण हटने में और 80 मिनट लगे.
अमेरिका के चाकटो समुदाय की महिलाओं ने ग्रहण के दौरान घर से बाहर आकर बर्तन बजाए. दरअसल, उनके समुदाय में मान्यता है कि ग्रहण के वक्त एक बड़ी और काली गिलहरी सूरज को खा जाती है. लोग उस गिलहरी को भगाने के लिए बर्तन बजाते हैं.
अमेरिका के अर्कंसास में सूर्य ग्रहण के दौरान 400 जोड़ों ने शादी रचाई. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक सभी ने जीवनभर ग्रहण जैसे अजूबे एकसाथ देखने और चांद-तारों की कसमें खाईं. इस दौरान शादी के केक पर भी सूर्य ग्रहण की तस्वीर लगी हुई थी.
सूर्य से निकलने वाली सोलर एनर्जी और उसके पर्यावरण पर असर को जानने के लिए नासा ग्रहण के दौरान साउंडिंग रॉकेट लॉन्च किए. साउंडिंग रॉकेट स्पेस में ज्यादा दूर तक नहीं जाते हैं. इनका इस्तेमाल पृथ्वी की सतह से 48 से 145 किमी तक की स्टडी के लिए किया जाता है.
कनाडा के ओंटारियो शहर में दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर पूर्ण सूर्य ग्रहण लगना था. हालांकि, लोग नेशनल पार्क से ग्रहण देखने के लिए सुबह 5 बजे से लाइन लगाकर खड़े हो गए थे.
वहीं, अमेरिका के टेक्सास राज्य में एक शहर है- केरविल. यहां का प्रशासन 2 साल से ग्रहण की तैयारी कर रहा था. केरविल की मेयर जुडी इशनेर के मुताबिक उन्हें पहले से ही अंदाजा था कि ग्रहण देखने के लिए भारी संख्या में लोग जुटेंगे.
ऐसे में भीड़ को संभालने के लिए वो 2 साल से तैयारी कर रहे थें. उनके मुताबिक केरविल में सूर्य ग्रहण देखने के लिए 70 से 80 हजार लोग आए जो उनके शहर की आबादी से 4 से 5 गुना ज्यादा है.
*क्या होता है सूर्य ग्रहण?*
गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी और सभी दूसरे ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं. पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 365 दिनों में एक चक्कर लगाती है. चंद्रमा एक उपग्रह है, जो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है.
पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने में चंद्रमा को 27 दिन लगते हैं. चंद्रमा के चक्कर लगाने के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है. इसे सूर्यग्रहण कहते हैं.
ज्यादातर सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होते हैं, क्योंकि तब चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है. हर 18 महीने में दुनिया के किसी न किसी हिस्से में सूर्य ग्रहण जरूर लगता है.