छत्तीसगढ़ के धमतरी में बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। आरोपियों ने तहसीलदार की मिलीभगत से फर्जी ऋण पुस्तिका तैयार की। इस पुस्तिका के आधार पर दूसरे की जमीन को अपनी बताकर बेच दिया।
पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री कराई। इसके बाद उन्होंने इस जमीन को 19 लाख रुपए में बेच दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में तहसीलदार की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। उनके खिलाफ मगरलोड थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों ने किस तरह फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पूरी योजना को अंजाम दिया।
तहसीलदार मनोज भारद्वाज ने 25 अक्टूबर 2024 को शोभित साहू के द्वारा ग्राम पाहंदा में भूमि खसरा नंबर 8,9 रकबा 0.35,0.12 हे कुल खसरा नंबर 02 कुल रकबा 0.47 हेक्टेयर सोनेवारा की भूमि को छल कपट षडयंत्र करते हुये अवैध तरीके रजिस्टर्ड 17 दिसंबर 2022 को देवरी निवासी चंद्रहास सिन्हा के पक्ष में निष्पादित किया है।
जिसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। जानकारी के मुताबिक आरोपी ने नाम परिवर्तन कर घटना को अंजाम दिया। मगरलोड के तत्कालीन तहसीलदार ने शोभित साहू से सांठ गांठ का आरोप लगाया है।