दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के जवानों के घरेलू कामों में कथित दुरुपयोग के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय और सीमा सुरक्षा बल (BSF) से जवाब मांगा है. जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीनियर अधिकारियों के निजी कामों, जैसे कुत्ते की देखभाल, के लिए जवानों का उपयोग किया जा रहा है, जबकि 83,000 से अधिक पद खाली पड़े हैं. याचिका में इस काम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है और जांच की मांग की गई है.
जनहित याचिका में कहा गया है कि जवानों के घोर दुरुपयोग का किया जा रहा है. वह भी ऐसे वक्त में जब सीएपीएफ में 83,000 से ज्यादा पद अब भी खाली पड़े हैं. यह याचिका बीएसएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) संजय यादव ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि देश के सैनिकों को यहां तक कि आला अधिकारियों के कुत्ते की देखभाल तक में तैनात किया जाता है.
कोर्ट ने गृह मंत्रालय से मांगा जवाब
जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने बीएसएफ और गृह मंत्रालय को नोटिस जारी कर याचिका में लगाए गए आरोपों पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका में कहा गया है कि यह प्रथा आम हो चुकी है कि विभिन्न फोर्स के कई जवानों को सीमा पर या कानून-व्यवस्था ड्यूटी पर लगाने के बजाय वरिष्ठ अधिकारियों के निजी घरों में घरेलू कामों के लिए तैनात कर दिया जाता है.
जवानों का ऐसा उपयोग कानून-व्यवस्था के लिए खतरा
याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह जवानों का दुरुपयोग न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है बल्कि सार्वजनिक खजाने पर भी अनुचित बोझ डालता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में सीएपीएफ और असम राइफल्स में 83,000 से अधिक रिक्तियां हैं, ऐसे में उपलब्ध बल का निजी उपयोग बेहद गंभीर मामला है.
यादव ने अपनी याचिका में 21 सितंबर 2016 के एक कार्यालय ज्ञापन का भी जिक्र किया है, जिसमें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि सेवानिवृत्ति के एक महीने के भीतर अधिकारियों को मिले सभी विशेषाधिकार- जैसे घर पर जवानों की तैनाती, वाहन, निजी सुरक्षा आदि वापस ले लिए जाएं.
याचिकाकर्ता ने इसके बाद बीएसएफ ने 131 जवानों की सूची भी तैयार की थी, जो विभिन्न सेवानिवृत्त पुलिस और सीएपीएफ अधिकारियों के यहां अनाधिकृत रूप से काम कर रहे थे. यादव का कहना है कि बीएसएफ प्राधिकरण ने ना तो इन जवानों को वापस बुलाने की कार्रवाई की और न ही सेवानिवृत्त अधिकारियों से अनधिकृत उपयोग का खर्च वसूला, जो पूरी तरह से गलत है.
याचिका में की गई कार्रवाई की मांग
याचिका में अदालत से अपील की गई है कि तथ्यों की विस्तृत जांच कराई जाए और बीएसएफ और सीएपीएफ के जवानों के दुरुपयोग पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. अब इस मामले पर गृह मंत्रालय और बीएसएफ को हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा.