दस मिनट में हल कर दिए गणित के 100 सवाल, वैदिक गणित में सागर में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

सागर: एक निजी स्कूल के बच्चों और टीचर ने वैदिक गणित के 100 सवाल तय समय से कम समय में हल करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. स्कूल के 180 बच्चों को एक साथ 10 मिनट में वैदिक गणित के जरिए 100 सवाल हल करने थे, जो उन्होंने महज 8 मिनट में कर दिए. वहीं 22 स्कूल टीचर्स को 8 मिनिट में यही सवाल हल करने थे, जो टीचर्स ने 7 मिनट कुछ सेकंड में कर दिखाया. रिकॉर्ड बनाते समय यूनिवर्सल एचीवर्स बुक ऑफ रिकॉर्ड और फ्यूचर कलाम बुक ऑफ रिकॉर्ड चेन्नई के प्रतिनिधि मौजूद थे. जिन्होंने मौके पर ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की घोषणा की. वहीं स्कूल के स्टूडेंट्स और टीचर्स भी इस उपलब्धि पर जमकर उत्साहित हैं.

3 महीने की प्रेक्टिस के बाद कमाल

शहर के डीपीएस स्कूल ने इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए 3 महीने पहले प्रेक्टिस शुरू की थी. इसके लिए स्कूल ने 180 स्टूडेंट्स और 22 टीचर्स को सिलेक्ट किया. 3 महीने लगातार इन स्टूडेंट्स ने टीचर्स के साथ रोजाना डेढ़-डेढ़ घंटे प्रेक्टिस की. वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए वैदिक गणित के सूत्रों के जरिए 10 मिनट में 100 सवाल हल करने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं 22 टीचर्स को यही काम 8 मिनिट में करना था. दरअसल वैदिक गणित के सूत्रों के जरिए जोड़ घटाना और गुणा भाग के सवाल कम समय में हल किए जा सकते हैं. इस रिकॉर्ड को दर्ज करने के लिए यूनिवर्सल एचीवर्स बुक ऑफ रिकॉर्ड और फ्यूचर कलाम बुक ऑफ रिकॉर्ड के फाउंडर बाबू बालकृष्णन मौके पर मौजूद थे.

तय समय से कम समय में सवाल हल

यूनिवर्सल एचीवर्स बुक ऑफ रिकॉर्ड और फ्यूचर कलाम बुक ऑफ रिकॉर्ड के नियम कायदों के अनुसार तय समय में प्रतियोगिता शुरू हुई. जिसमें पहले 180 स्टूडेंट्स को 100 सवाल हल करने के लिए दिए गए. जो उन्हें 10 मिनिट में हल करना था. लेकिन सभी बच्चों ने 8 मिनिट 8 सेकंड में ही सवाल हल कर दिए. वहीं 22 टीचर्स को यहीं रिकार्ड बनाने के लिए 8 मिनिट का समय दिया गया था लेकिन टीचर्स ने 7 मिनिट 13 सेकंड में सवाल हल कर दिए.

अगले साल फिर तैयारी

स्कूल के डायरेक्टर अर्चित बिलहरा का कहना है कि “हमें 3 महीने का समय मिला. हमारा मानना है कि इससे अच्छी तैयारी हो सकती है. हमनें 3 महीने में जब रिकॉर्ड तोड़ दिया तो हमें लगा कि हम और कम समय में भी ये रिकॉर्ड बना सकते हैं. ये पहली बार ऐसा किया है अब हम अगले साल इस रिकॉर्ड को और कम समय में ज्यादा बच्चों के जरिए हल करेंगे.”

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