प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालिन सत्र से पहले कहा कि आज से शीतकालिन सत्र की शुरुआत हो रही है उम्मीद है माहौल भी शीत रहेगा. पीएम मोदी ने कहा कि संसद का ये सत्र कई मामलों में विशेष है. सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है.
पीएम मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि पार्लियामेंट में स्वस्थ्य चर्चा हो, इसमें ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें. दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, जिनको जनता ने 80-90 बार नकार दिया है, वो अपने हुड़दंगबाजी से संसद को कंट्रोल करने का प्रयास कर रहे हैं. उनका अपना मकसद को संसद की गतिविधियों को रोकने से ज्यादा सफल नहीं होता लेकिन देश की जनता उनके इस व्यवहार को काउंट करती है और जब समय आता है तो सजा भी देती है.
पीएम मोदी ने कहा दुख की बात ये है कि नए संसद नए विचार और ऊर्जा लेकर आते हैं. उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं. इन्हें बोलने का अवसर नहीं मिलता. हमें जनता जनार्दन की भावनाओं की आदर करना चाहिए.
#WATCH | #ParliamentWinterSession | Prime Minister Narendra Modi says "The public has to reject them (Opposition) again and again…It is a condition of democracy that we respect the feelings of the people and work hard day and night to live up to their hopes and expectations.… pic.twitter.com/pNHKtcXYxF
— ANI (@ANI) November 25, 2024
कुछ विपक्षी सांसद निभाते हैं अपनी जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं विपक्ष के साथियों से बार-बार आग्रह करता हूं… कुछ विपक्षी नेताओं की इच्छा रहती है सदन में चर्चा हो लेकिन जिन्हें जनता ने नकार दिया वो उनकी भावनाओं को नहीं समझते. सभी दल में नए साथी हैं उनके नए विचार हैं. आज विश्व भारत की ओर बहुत आशा से देख रहा है. हमें सदन का समय उसको बल प्रदान करने वाला होना चाहिए.
जनता की उम्मीदों पर खड़ा उतरना है
भारत की संसद से ये संदेश जाना चाहिए कि भारत के मतदाता, उनका लोकतंत्र के प्रति समर्पण हम सबको जनता की भावनाओं पर खरा उतरना ही पड़ेगा. हमने जितना समय गवां दिया उसपर थोड़ा पश्चाताप करें. मैं आशा करता हूं ये सत्र परिणाम करी हो. भारत की वैश्विक गरिमा को बल देने वाला हो. संविधान की गरिमा को बढ़ाने वाला हो. नए ऊर्जा को समाहित करने वाला हो.