महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर मतगणना का दौर जारी है. अब तक हुई वोटों की गिनती के आधार पर रुझानों में महायुति को बहुमत मिला है और वहीं एमवीए 56 सीटों पर ही आगे है. इसी बीच नजर ठहर जाती है दो ऐसी सीटों पर जहां चाचा-भतीजे के बीच टक्कर थी. इस टक्कर का नतीजा ये है चाचाओं ने मैदान पर कब्जा कर रखा है और भतीजों को पटखनी दे दी है. ऐसी दो सीटें हैं एक तो माहिम और दूसरी बारामती.
बारामती सीट पर क्या हुआ?
बारामती सीट पर एक तरफ तो महायुति के साथ गठबंधन में शामिल एनसीपी (अजित गुट) थी तो दूसरी ओर एनसीपी शरद गुट. बारामती सीट पवार परिवार का गढ़ रही है. शरद पवार से अलग होकर अजित पवार जब महायुति के साथ आए तब उन्होंने बारामती सीट अपने पास रखी. विधानसभा चुनाव में बारामती से अजित पवार खुद उम्मीदवार हैं तो वहीं उन्हें टक्कर देने के लिए मैदान में शरद गुट से युगेंद्र पवार को उतारा गया था.
इस तरह परिवार की ये लड़ाई जब चुनावी मैदान में आई तो ये चाचा vs भतीजा हो गई. इसे दो तरह से देखा जा सकता है. चाचा (अजित पवार) vs भतीजा (युगेंद्र पवार) में चाचा अजित पवार जीत की ओर बढ़ रहे हैं. युगेंद्र उनसे बहुत पीछे हैं, इसलिए उनकी जीत की संभावना अब बेहद कम ही रह गई है.
अब इसे शरद पवार के नजरिए से देखें तो यहां चाचा (शरद पवार) vs भतीजा (अजित पवार) का भी समीकरण बन रहा है. यानी कि युगेंद्र पवार की हार असल में चाचा शरद पवार की हार है, और भतीजे अजित पवार ने बाजी मार ली है.
बारामती सीट का हाल
अजित पवार – 73025 (+38252)
युगेंद्र पवार- 34773(-38252)
माहिम सीट का हाल
वहीं दूसरी सीट माहिम की बात करें तो यहां सीधे तौर पर चाचा-भतीजे तो नहीं उतरे थे, लेकिन एक तरह से उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पारिवारिक लड़ाई जरूर आमने-सामने थी. माहिम सीट पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे चुनावी मैदान में थे. वहीं शिवसेना उद्धव गुट से महेश सावंत उम्मीदवार बनाए गए थे. इस तरह चाचा उद्धव के कैंडिडेट के सामने भतीजे अमित ठाकरे की एक नहीं चली. शुरुआती रुझान में वह दूसरे नंबर पर थे, लेकिन आठवें दौर की मतगणना में वह तीसरे नंबर पर खिसक गए हैं. शिवसेना शिंदे गुट के सदा सरवंकर उनसे भी आगे चल रहे हैं, लेकिन दूसरे नंबर पर हैं.
माहिम सीट का हाल
महेश सावंत
सदा सरवंकर
अमित ठाकरे