एक ऐसी दुनिया, जहां लोगों के बच्चों को उनके रिजल्ट, फेल और पास होने से जज किया जाता है. जहां टॉपर के लिए हर तरफ तारीफ होती है, वहीं फेलियर के हिस्से सिर्फ ताने ही आते हैं. ऐसे वक्त में कौन उन्हें समझाए कि स्कूल का रिजल्ट सिर्फ जिंदगी का एक मोड़ है, पूरी ज़िंदगी नहीं. रास्ते अभी और भी हैं.
अक्सर इस समाज में ऐसा देखा जाता है कि किसी भी बच्चे के फेल हो जाने पर समाज तो समाज, खुद उसके माता-पिता भी तानों का अंबार लगा देते हैं.लेकिन एक ऐसी दुनिया में, जहां बच्चों के फेल होने पर ताने, डांट और दबाव आम बात है, कर्नाटक के एक परिवार ने सोच से परे जाकर अपने बेटे की असफलता के दिन को जश्न की तरह मनाया. अब इस जश्न का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बेटा सभी छह सब्जेक्ट फेल
अभिषेक चोलाचगुड्डा, जो कर्नाटक के बागलकोट के बसवेश्वर इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई करते हैं. इस साल उनकी 10वीं का रिजल्ट आया. एसएसएलसी बोर्ड परीक्षा में सभी छह सब्जेक्ट में फेल होकर कुल 32% अंक (200/625) हासिल किए. जाहिर है, लेकिन बेटे के ऐसे रिजल्ट देखकर माता-पिता ने बेटे का साथ नहीं छोड़ा. उन्होंने बेटे के लिए सरप्राइज पार्टी रखी, वो भी एक खास केक के साथ, जिस पर लिखा था: 32%.
देखें वायरल वीडियो
VIDEO | Karnataka: Parents celebrate their son after he fails in Class 10 exam by cutting a cake to boost his morale in Bagalkote. He got 200 marks out of 600, which is 32 percent, below the passing marks. #Karnataka #Bagalkote pic.twitter.com/YJzSBm3Gvq
— Press Trust of India (@PTI_News) May 5, 2025
वायरल वीडियो में अभिषेक अपने पूरे परिवार के साथ नजर आ रहा है-केक काटते हुए, मिठाइयां बांटते हुए, और सबसे बड़ी बात, मुस्कुराते हुए.
उसके पिता यल्लप्पा चोलाचगुड्डा, जो एक पेशेवर फोटोग्राफर हैं, बताते हैं कि अभिषेक ने भले ही 32% अंक पाए, लेकिन उसने मेहनत की थी. इस केक के ज़रिए हमने उसे यह एहसास दिलाया कि वह अकेला नहीं है.
यल्लप्पा कहते हैं, यह जश्न फेल को छिपाने के लिए नहीं, बल्कि कोशिश को स्वीकार करने के लिए था. उनके मुताबिक, इस छोटे से जश्न ने बेटे का कॉन्फिडेंस लौटाया और अब वह अगले अटेम्प्ट के लिए पूरी तरह तैयार है.अभिषेक ने भी कहा कि मेरे परिवार ने मुझे गिरने नहीं दिया. अब मैं अगली बार पास होकर दिखाऊंगा. सोशल मीडिया पर लोग इस परिवार की तारीफ करते नहीं थक रहे. कोई इसे ‘रियल पेरेंटिंग गोल्स’ बता रहा है, तो कोई लिख रहा है ऐसी पैरेंटिग होती है.