कोटा ब्लाक के बेलगहना क्षेत्र का आमागार प्राथमिक स्कूल में शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आई है। यहां लकवा ग्रस्त शिक्षक शंकर सिंह कंवर की जगह उनका दामाद बीते तीन सालों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। आरोप यह भी है कि दामाद अकसर शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। यह चौंकाने वाला मामला शिक्षा व्यवस्था और अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
बीईओ ने झाड़ा पल्ला
ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है। जिन बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी योग्य शिक्षक की थी, वहां शराबी दामाद पढ़ा रहा है। यह स्थिति शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर करती है। मामला खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) तक पहुंचा तो उन्होंने केवल आकर देखता हूं कहकर पल्ला झाड़ लिया।
ग्रामीणों ने लगाया आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग शिकायतों को दबाने और औपचारिक नोटिस थमाकर मामले को रफा-दफा करने का आदी हो चुका है। अधिकांश सरकारी शिक्षक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजते हैं, क्योंकि उन्हें खुद सरकारी शिक्षा की सच्चाई पता है। अब बड़ा सवाल यह है कि शिक्षा विभाग कब तक इस तरह की लापरवाहियों को नजरअंदाज करता रहेगा और बच्चों का भविष्य बिगाड़ता रहेगा।