सोनभद्र: करमा थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने यातायात नियमों की अनदेखी के भयावह परिणाम को उजागर कर दिया है। इस हादसे में पगिया गांव के निवासी मुबारक अली (35 वर्ष) की जान चली गई, जो अपने परिवार के एकमात्र सहारा थे. यह घटना मधुपुर पुरानी सब्जी मंडी के पास हुई, जब एक तेज रफ्तार मारुति एस क्रॉस (यूपी 60 एएस 4849) ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी.
मुबारक अली अपने नियोक्ता के बेटे के साथ बाइक पर राबर्ट्सगंज जा रहे थे, टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां मुबारक अली की नाजुक हालत को देखते हुए वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्यवश, दो दिन बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
मुबारक अली के निधन से उनके तीन छोटे बच्चे, पत्नी और बीमार माता-पिता बेसहारा हो गए हैं, परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, क्योंकि मुबारक ही एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. इस घटना का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि जिस मारुति एस क्रॉस से टक्कर हुई, वह कानूनी रूप से सड़क पर चलने के योग्य ही नहीं थी। जांच में पता चला है कि गाड़ी का इंश्योरेंस फेल था और उस पर पहले से चालान भी लंबित था। यह साफ दर्शाता है कि वाहन मालिक अमित सिंह ने लगातार यातायात नियमों का उल्लंघन किया और दूसरों की जान की परवाह नहीं की.
अब सवाल यह उठता है कि स्थानीय प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है। क्या सिर्फ एक प्राथमिकी दर्ज करकेक्ष मामले को रफा- दफा कर दिया जाएगा, या फिर लापरवाह वाहन मालिक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी? मृतक मुबारक अली के परिवार को न्याय कब मिलेगा और उन्हें इस अपूरणीय क्षति के लिए उचित मुआवजा कौन देगा?
यह हृदयविदारक घटना हम सभी के लिए एक सबक है यह याद दिलाती है कि, यातायात नियमों का पालन करना केवल हमारी अपनी सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. लाइसेंस प्राप्त करना जितना आसान है, उतना ही जरूरी है एक जिम्मेदार नागरिक बनना और यातायात नियमों का ईमानदारी से पालन करना.
क्या यह समय नहीं आ गया है कि ऐसे लापरवाह लोगों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाएं और उनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए? सरकार और प्रशासन को यातायात जागरूकता अभियान को और तेज करना होगा, ताकि लोग यातायात नियमों के महत्व को समझें और सड़क पर चलते समय अधिक सतर्क रहें। यह सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, हम सभी को मिलकर इस समस्या के खिलाफ आवाज उठानी होगी, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को मुबारक अली के परिवार जैसी त्रासदी का सामना न करना पड़े।