सोनभद्र : आदर्श नगर पंचायत ओबरा में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है. सामाजिक कार्यकर्ता राकेश केशरी ने इस संबंध में जनपद और शासन स्तर पर शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने नगर विकास विभाग निदेशक को संबोधित एक पत्र देकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. लेकिन संबंधित विभाग ने जांच ओबरा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी (ईओ) को सौंप दी, जिन्होंने बिना किसी जांच के मनमाने तरीके से मामले का निस्तारण कर दिया.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि संबंधित प्रकरण की जांच प्रारूप पर जांच अधिकारी/कार्मिक के हस्ताक्षर की जगह नगर पंचायत चेयरमैन चांदनी देवी का हस्ताक्षर है. और यही आख्या मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है. जानकारों का कहना है कि आईजीआरएस (मुख्यमंत्री) पोर्टल या सरकारी विभाग में किसी भी पत्राचार में जनप्रतिनिधि जांच अधिकारी नहीं हो सकता. जिसके खिलाफ जांच है, वही जांच अधिकारी बने, यह शासन की मंशा के विपरीत है.
आदर्श नगर पंचायत बना चारागाह, संबंधित विभाग मौन जांच की उठी मांग समाजसेवी राकेश केशरी ने पुनः मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर दोषी अधिशासी अधिकारी के खिलाफ जांच कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कार्यवाही नहीं की गई तो वे मुख्यमंत्री जनता दरबार में मिलकर ओबरा नगर पंचायत के भ्रष्टाचार में लिप्त ईओ की शिकायत करेंगे. उनका कहना है कि संबंधित द्वारा जो भी जांच आख्या लगाया जा रहा है वह पूर्णतः गलत है. उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और ऐसे मुख्यमंत्री पोर्टल का मजाक बनाने वालों अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.