सोनभद्र: ‘हर घर नल’ बना ‘हर घर जल संकट’! जुगैल में योजना की निकली हवा, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण

Uttar Pradesh: सोनभद्र जिले के रेणूका नदी के उस पार बसे आदिवासी बहुल जुगैल ग्राम पंचायत के जोरबा टोले में सरकार की महत्वाकांक्षी ‘हर घर नल’ योजना की पोल खुल गई है। कागजों पर तो सबके घरों में नल लग गए, लेकिन हकीकत में कई घरों तक अब भी पानी की एक बूंद नहीं पहुंची है, और जिनके घरों में नल लगे भी हैं, उन्हें पानी के लिए रात भर जागना पड़ रहा है. इस बदहाल व्यवस्था ने पूरे इलाके में पानी का गंभीर संकट पैदा कर दिया है.

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जुगैल के जोरबा टोले में जिन भाग्यशाली घरों में नल की टोटी लग भी गई है, वहां पानी की सप्लाई पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है। जल आपूर्ति विभाग ने अपनी शान दिखाते हुए सूचना पट्ट पर पानी आने का समय सुबह 6 से 7 और शाम 6 से 7 बजे लिख तो दिया है, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो उन्हें रात के 3 बजे पानी नसीब होता है, और वह भी कब बंद हो जाए, किसी को नहीं पता। इस बेतरतीब और तकलीफदेह समय पर पानी मिलने से ग्रामीणों को जरूरत भर पानी नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.

और तो और, यहां बड़ी संख्या में ऐसे ग्रामीण भी हैं जिनके घरों तक तो अभी तक नल का कनेक्शन पहुंचा ही नहीं है। इन प्यासे ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार अफसरों के चक्कर काटे, अपनी फरियाद सुनाई, लेकिन उनकी परेशानी पर किसी ने कान नहीं धरा। ‘नमामि गंगे’ और जल आपूर्ति विभाग की इस सुस्ती पर अब ग्रामीण सवाल उठाने लगे हैं। सरकार भले ही ‘हर घर नल’ के नारे लगाती रहे, लेकिन जुगैल के जोरबा टोले में यह नारा एक झूठा वादा बनकर रह गया है.

इतना ही नहीं, कुछ ग्रामीणों के घरों से तो नल इतनी दूर लगा दिए गए हैं कि उन्हें तपती गर्मी में भी पानी लाने के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ता है.

ग्रामीणों का कहना है कि यह हालात अब उनके बर्दाश्त से बाहर हो गए हैं और उन्हें पानी के लिए जानलेवा मशक्कत करनी पड़ रही है। जुगैल के पूर्व ग्राम प्रधान रामाशंकर वादी ने इस गंभीर समस्या पर गहरी चिंता जताई है.

उन्होंने कहा कि ‘हर घर नल’ योजना का सही से काम न करने के कारण गांव के लोग पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए भी तरस रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग से तुरंत ध्यान देने और जोरबा टोले के लोगों को नियमित रूप से पानी पहुंचाने के साथ-साथ सभी छूटे हुए घरों में नल कनेक्शन लगाने की जोरदार मांग की है। अब देखना यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों की इस पीड़ा को समझते हुए कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर ‘हर घर नल’ योजना जुगैल के लिए सिर्फ एक सपना ही बनकर रह जाएगी.

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