Uttar Pradesh: सोनभद्र जिले के ओबरा स्थित ओबरा पावर प्लांट के बी परियोजना में गुरुवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. सुबह करीब 7 बजे प्लांट के इंटर कनेक्टिंग ट्रांसफॉर्मर में अचानक आग लग गई। इस घटना के कारण प्लांट की 200 मेगावाट क्षमता वाली दो इकाइयां प्रभावित हुईं, जिससे बिजली उत्पादन पर असर पड़ा. हालांकि, प्लांट के इंजीनियरों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बाद में एक इकाई को चालू कर दिया.
इस घटना की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी (डीएम) बद्रीनाथ सिंह ने दोपहर में कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता की. उन्होंने बताया कि ट्रांसफॉर्मर में लगी इस भीषण आग से लगभग 50 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। डीएम ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
जांच प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए पांच अलग-अलग विभागों के अधिकारियों की एक संयुक्त समिति का गठन किया गया है. इस महत्वपूर्ण समिति में राजस्व विभाग के अधिकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी, ओबरा पावर प्लांट के तकनीकी विशेषज्ञ, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारी और अग्निशमन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यह संयुक्त टीम आग लगने के वास्तविक कारणों का पता लगाएगी। इसके साथ ही, समिति भविष्य में इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए विस्तृत सुझाव भी देगी.
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह और पुलिस अधीक्षक (एसपी) अशोक कुमार मीणा तत्काल मौके पर पहुंचे। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद ही उन्होंने नुकसान का आकलन करने और विस्तृत जांच के लिए संयुक्त समिति गठित करने का निर्णय लिया.
इस घटना से पावर प्लांट के कर्मचारियों और आसपास के क्षेत्र में चिंता का माहौल है। हालांकि, प्रशासन और पावर प्लांट प्रबंधन स्थिति को सामान्य करने और बिजली आपूर्ति को जल्द से जल्द पूरी तरह से बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही आग लगने के सही कारणों और भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में अधिक जानकारी मिल सकेगी.