सोनभद्र: “सनसनीखेज खुलासा: हिंडालको में ‘नौकरी का झांसा, लाखों का चूना’!

Uttar Pradesh: सोनभद्र जिले के हिंडालको कारखाने में नौकरी दिलाने के नाम पर एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। इस सनसनीखेज मामले के केंद्र में हैं अल्युमिनियम कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष ब्रह्मानंद सिंह, जिन पर एक युवक से ₹5 लाख रुपये ठगने का गंभीर आरोप लगा है. आरोप है कि सिंह ने नौकरी लगवाने का वादा किया, लेकिन न तो नौकरी मिली और न ही पैसे वापस हुए.

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यह मामला तब प्रकाश में आया जब शिकायतकर्ता डब्ल्यू सिंह ने इस धोखाधड़ी का “जीता-जागता प्रमाण” होने का दावा करते हुए, सोशल मीडिया का सहारा लिया. उन्होंने हिंडालको के वरिष्ठ अधिकारियों और समस्त मजदूर भाइयों के सामने इस “अन्याय” को बेनकाब किया.

सबूतों का ‘बम’ फोड़ा: वॉयस रिकॉर्डिंग, बाउंस चेक और ‘फर्जी’ ऑफर लेटर!

डब्ल्यू सिंह का दावा है कि उनके पास इस धोखाधड़ी के “अकाट्य प्रमाण” मौजूद हैं, जो यूनियन अध्यक्ष ब्रह्मानंद सिंह की कथित संलिप्तता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। इन सबूतों में सबसे चौंकाने वाले हैं:आरोपी और पीड़ित के बीच की वॉयस रिकॉर्डिंग: यह रिकॉर्डिंग कथित तौर पर इस बात का प्रमाण है कि पैसों के लेनदेन और नौकरी के वादे पर बातचीत हुई थी। बाउंस हुआ चेक: पीड़ित को पैसे वापस करने के लिए दिया गया एक चेक, जो बैंक में बाउंस हो गया, धोखाधड़ी की नीयत को और पुख्ता करता है। कथित ‘ऑफर लेटर’: एक संदिग्ध ऑफर लेटर भी सबूत के तौर पर पेश किया गया है, जिसकी सत्यता की जांच होनी बाकी है.

इन ठोस सबूतों के आधार पर डब्ल्यू सिंह ने यूनियन अध्यक्ष पर सीधे तौर पर “धोखाधड़ी और विश्वासघात” का आरोप लगाया है.

शिकायतकर्ता की ‘गुहार’: दोषियों पर हो ‘कठोर कार्रवाई’, पीड़ित को मिले ‘न्याय’

डब्ल्यू सिंह का मुख्य आरोप यह है कि यूनियन अध्यक्ष ब्रह्मानंद सिंह ने नौकरी लगवाने के नाम पर ₹5 लाख रुपये की मोटी रकम ली। उन्होंने हिंडालको प्रबंधन से “भ्रष्टाचारी यूनियन लीडर और इसमें शामिल अधिकारियों” के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की है.

डब्ल्यू सिंह ने अपनी भावुक अपील में पीड़ित युवक को वापस नौकरी देने और उसके साथ हुए “अन्याय का प्रतिकार” करने की भी मांग की है। उन्होंने अपने वीडियो को अधिक से अधिक साझा करने की अपील की है ताकि “भविष्य में कोई और युवक या उनके माता-पिता इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न हो.”

‘जानवर’ हैं ऐसे धोखेबाज! डब्ल्यू सिंह की ‘न्याय’ के लिए लड़ाई

डब्ल्यू सिंह ने ऐसे धोखेबाजों को “जानवर” करार दिया है, जो युवाओं और उनके माता-पिता की “जीवन भर की कमाई को छीन लेते हैं और उन्हें असहनीय पीड़ा देते हैं।” उन्होंने खुद को “प्रभु का दास” बताते हुए इस अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है। उनकी इस मार्मिक अपील ने सामाजिक न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को उजागर किया है.

हिंडालको प्रबंधन की ‘अग्निपरीक्षा’: विश्वसनीयता दांव पर!

यह घटना हिंडालको प्रबंधन के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है. इस मामले की निष्पक्ष जांच करने और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का दबाव प्रबंधन पर होगा. इस तरह के आरोप न केवल कंपनी की सार्वजनिक छवि को धूमिल करते हैं, बल्कि कार्यरत श्रमिकों और नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के विश्वास को भी गहरी ठेस पहुँचाते हैं. यदि ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह कारखाने के भीतर व्याप्त कथित भ्रष्टाचार और यूनियन नेताओं की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करेगा.

पूरा मामला अब हिंडालको प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों के समक्ष है। देखना होगा कि वे इस संवेदनशील और गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है। इस घटना ने एक बार फिर नौकरी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। इस मामले पर हमारी नज़र बनी हुई है और जल्द ही आगे के अपडेट सामने आएंगे.

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