सोनभद्र: “खस्ताहाल सड़क पर सपा का प्रदर्शन, जनप्रतिनिधियों को दिखाया आईना”

सोनभद्र: खस्ताहाल सड़कों से परेशान होकर समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एक अनोखा प्रदर्शन किया. खराब सड़क की मरम्मत न होने और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के खिलाफ आवाज उठाते हुए उन्होंने सड़क पर लेटकर अपना विरोध दर्ज कराया. इस प्रदर्शन का उद्देश्य भाजपा सरकार और उसके स्थानीय प्रतिनिधियों को जनता की समस्याओं से अवगत कराना था.

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सड़क पर राजनीति: आम जनता हुई परेशान

सोनभद्र की सड़कों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि आम लोगों का गुस्सा भड़क उठा है. भाजपा के स्थानीय जनप्रतिनिधि, जैसे कि सदर विधायक, नगर पालिका प्रशासन, और जिला प्रशासन, अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इन सभी के बीच चल रहे आपसी मतभेदों के कारण सड़क की मरम्मत का काम अटका हुआ है.

एक प्रदर्शनकारी ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि जब वह अपनी बीमार मां को लेकर अस्पताल जा रहे थे, तो सड़क के गड्ढों की वजह से उन्हें भारी दिक्कत हुई। उन्होंने सवाल उठाया, “जब जनप्रतिनिधि आपस में ही लड़ रहे हैं, तो जिला प्रशासन चुप क्यों है?”

जान का खतरा: स्कूल बसों और एम्बुलेंस के लिए भी मुश्किल

यह खस्ताहाल सड़क केवल आम लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि स्कूली बच्चों और एम्बुलेंस के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गई है। एक शिक्षिका ने बताया कि बच्चों को स्कूल भेजने पर उन्हें डर लगा रहता है, क्योंकि छोटे-मोटे हादसे आम बात हो गई है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “सड़क पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि साइकिल से गिरकर कोई बच्चा अगर उनमें चला जाए, तो पता भी नहीं चलेगा कि वह कहां लापता हो गया.”

भाजपा प्रतिनिधियों पर सीधा निशाना

प्रदर्शनकारियों ने इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर सदर विधायक, जिला प्रशासन, और नगर पालिका प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि ये सभी अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय एक-दूसरे पर दोष मढ़ने में लगे हैं। इसी वजह से उन्हें सड़क पर उतरकर विरोध करना पड़ा है।सपा जिला सचिव प्रमोद यादव ने बताया कि भाजपा सरकार ने सड़कों की मरम्मत पर अरबों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं दिख रहा। सुरेश अग्रहरि और मुन्ना कुशवाहा ने भी सोनभद्र के कई मार्गों की खराब हालत पर चिंता जताई.

जनता की मांग, प्रशासन मौन

प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत का काम शुरू करने की मांग की है। हालांकि, इस विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। स्थानीय विधायक, जिला प्रशासन, और पालिका प्रशासन ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है. यह प्रदर्शन यह साफ दर्शाता है कि जब जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, तो जनता को अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

 

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