Uttar Pradesh: सोनभद्र जिला के अंतर्गत दुद्धी खण्ड शिक्षा क्षेत्र के बिचटोला गांव में शनिवार की सुबह का नजारा चौंकाने वाला था. विद्यालय समय पर पहुंचने वाले बच्चों को पढ़ाई के बजाय विद्यालय के बाहर खेलते हुए देखा गया. वजह थी शिक्षक और शिक्षामित्र की अनुपस्थिति.
ग्रामीणों के मुताबिक, सुबह करीब 9:35 बजे तक न तो शिक्षक पहुंचे थे और न ही शिक्षामित्र. बच्चे खुद ही स्कूल परिसर के बाहर खेलने और इधर-उधर वक्त बिताने को मजबूर थे।ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या नई नहीं है। अक्सर विद्यालय के शिक्षक और शिक्षामित्र देर से आते हैं. कई बार ग्रामीणों ने इस मुद्दे को उठाया और अध्यापकों से बातचीत भी की, लेकिन सुधार के कोई संकेत नहीं दिखे ग्रामीणों ने चिंता जताई कि अगर अध्यापक और शिक्षामित्रों की अनुपस्थिति में कोई घटना घट जाए, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उनका कहना है कि बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी खतरे में है.
ग्रामीणों ने अपनी शिकायत मीडिया के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाने की कोशिश की है. उनका कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे उच्च अधिकारियों से संपर्क करने के लिए मजबूर होंगे. प्रशासन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है और बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं.