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बेटों ने बुजुर्ग पिता को किया बेघर, मौत पर अंतिम संस्कार से किया इनकार

सिवनी: कलयुग में रिश्तों के मायने बिल्कुल खत्म हो गए है. सिवनी में हुई एक घटना ने इस बात को फिर चरितार्थ किया दरअसल सिवनी के बरघाट ब्लाक के नगझर गांव के रहने वाले करीब 70 साल के बुजुर्ग रामदयाल पवार को 2 साल पहले उनके दो बेटो ने यह कह अपने घर से निकाल दिया क्योंकि वह रामदयाल की जिम्मेदारी नही उठा पा रहे है.

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रामदयाल की 2 बेटियां है उन्होंने ने भी बुजुर्ग को अपने घर मे जगह नही दी. बेटो के घर से बेघर हुए बुजुर्ग रामदयाल 2 साल से सिवनी के सहारा व्रद्ध आश्रम में रह रहे थे. जहाँ बीमारी के चलते सोमवार को उनकी मौत हो गई. आश्रम संचालक ने फोन करके 2 बेटो और 2 बेटियों को इस बात की सूचना दी. एक बेटे ने अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया.

दूसरे बेटे ने सूचना मिलने के बाद अपना फोन ही बंद कर लिया. आश्रम संचालक परिजनों से संपर्क करने की कोशिश करते रहे. वही जिला अस्पताल में बुजुर्ग का शव परिजनों का 4 घण्टे तक इन्तेजार करता रहा.

लेकिन बेटे और बेटियां बुजुर्ग के अंतिम दर्शन करने नही आये. कुछ जानने पहचाने वाले ज़रूर बुजुर्ग के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए मोक्ष धाम पहुँचे. जिसके बाद व्रद्ध आश्रम संचालक द्वारा नगर पालिका ने माध्यम से बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कराया गया.

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