SGB Scheme Update: बंद हो सकती है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम… ये दो कारण, 2015 में हुई थी शुरुआत

भारतीय रिजर्व बैंक ने 30 नवंबर, 2015 को सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड स्‍कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) की पहली किस्‍त जारी हुई थी, जिसकी मैच्‍योरिटी 30 नवंबर 2023 को पूरी हो गई. अब इस स्‍कीम पर ब्रेक लग सकता है. बिजनेस टुडे टीवी को सूत्रों ने बताया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की आगे की किस्तों के जारी होने की संभावना नहीं है. सूत्रों का कहना है कि SGB, एक जटिल और महंगा साधन है. इस कारण इसकी आगे की किस्‍त जारी होने की संभावना ना के बराबर है.

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एसजीबी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाने वाली स्‍कीम है, जो बाजार से कम मूल्‍य पर सोना खरीदने का विकल्‍प देती है और 8 साल की मैच्‍योरिटी पूरी होने के बाद गोल्‍ड मार्केट के आधार पर रिटर्न प्रोवाइड कराती है. साथ ही 2.5 फीसदी का फिक्‍स रिटर्न भी देती है.

क्‍या है सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड स्‍कीम?
सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड स्‍कीम की शुरुआत नवंबर 2015 में की गई थी. इस योजना के तहत सरकार लोगों को बाजार से कम भाव पर सोने में निवेश करने का विकल्‍प देती है. साथ ही ऑनलाइन खरीदारी पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट भी मिलती है. साथ ही 2.5 फीसदी का निश्चित ब्‍याज दिया जाता है. इस योजना के तहत परिवार का हर सदस्‍य अधिकतम 4 किलो सोना खरीद सकता है. सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड की मैच्‍योरिटी 8 साल में पूरी होती है.

पहली किस्‍त पर हुआ था डबल मुनाफा
पहली बार जब 2015 में सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड स्‍कीम (Sovereign Gold Bond) पेश किया गया था तो इसका इश्‍यू प्राइस 2,684 रुपये प्रति ग्राम की तय हुआ था. उस समय इश्‍यू प्राइस (Issue Price) को 999 प्योरिटी वाले Gold की जारी की गई कीमतों के एक सप्ताह के औसत के हिसाब से तय किया गया था. वहीं 2023 में इसकी मैच्‍योरिटी पूरी हुई थी, जिसका रिडेम्‍पशन प्राइस 6,132 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया था. यानी निवेशकों को आठ साल के दौरान 128.5 फीसदी का मुनाफा हुआ था.

SGB में टैक्‍स बेनिफिट
इस स्‍कीम के तहत फिक्‍स्‍ड रिटर्न के अलावा, टैक्‍स बेनिफिट भी दिया जाता है. वहीं अगर इस स्‍कीम में किसी ने ऑनलाइन निवेश किया है तो उसे 50 रुपये का अतिरिक्‍त छूट भी मिलता था. वहीं अगर इस स्‍कीम में किसी ने ऑनलाइन निवेश किया है तो उसे प्रति ग्राम पर 50 रुपये की छूट दी जाती है. वहीं इसके तहत टीडीएस नहीं काटा जाता है.

SGB के तहत गोल्‍ड प्राइस कैसे होगा तय?
मैच्‍योर होने से पहले 24 कैरेट सोने की कीमत के बराबर SGB के तहत गोल्‍ड प्राइस तय किया जाता है. जब एसजीबी की कोई किस्‍त आती है तो एक सप्‍ताह पहले के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत के आधार पर इस योजना के तहत गोल्‍ड प्राइस तय किया जाता है.

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