ब्रिटेन की इंटेलिजेंस एजेंसी MI5 की ओर से मंगलवार 14 जनवरी 2025 को जारी एक फाइल में एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. फाइल से पता चाल है कि इंग्लैंड की क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के आर्ट एडवाइजर एंथनी ब्लंट रूस का जासूस था. चौकाने वाली बात ये है कि करीब एक दशक तक इस बारे में महारानी को भनक तक नहीं लगी.
खुफिया एजेंसी MI5 के ये दस्तावेज मंगलवार 14 जनवरी 2025 को ब्रिटेन नेशनल आर्काइव्स की ओर से जारी किए गए. इस फाइल में साल 1930 के दशक में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से जुड़े एक जासूसी गिरोह के बारे में बताया गया है. ये गिरोह रूस के साथ मिलकर काम करता था और इसके सदस्यों ने ब्रिटेन के कई शहरों से जुड़े रहस्य USSR को बताए थे.
रूस के लिए की थी जासूसी
एंथनी ब्लंट भी कैम्ब्रिज फाइव जासूस गिरोह का एक मेंबर था, जिसने दूसरे विश्व युद्ध के वक्त सोवियत संघ को रई गुप्त सूचनाओं भेजी थी और इसके बदले में मोटी रकम ली थी. फाइल में बताया गया कि महारानी एलीजाबेथ द्वितीय को लंबे समय तक उनके आर्ट एडवाइजरी के इस रहस्य के बारे में बताया ही नहीं गया था. अधिकारियों ने ऐसा इसलिए क्योंकि वे महारानी की चिंताएं नहीं बढ़ाना चाहते थे.
कैसे पकड़ा गया रूस का जासूस?
एंथनी ब्लंट सालों तक बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ के आर्ट एडवाइजर रहा. उसकी हरकतों पर जब ब्रिटेन के सुरक्षा अधिकारियों को शक हुआ तो, उसे संदेह के घेरे में रखा गया. उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के बाद साल 1964 में उसने कबूला कि उसने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एक सीनियर MI5 ऑफिसर के तौर पर रूस की स्पाई एजेंसी KGB को गुप्त सूचनाएं दी थी.
ब्लंट को खुद जासूस कबूल करने के बदले में नौकरी, नाइटहुड और अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने की इजाजत दी गई थी. इसके अलावा महारानी को लंबे समय तक ये बात नहीं बताई गई. 1972 में महारानी के प्राइवेट सेक्रेटरी मार्टिन चार्टरिस ने M15 के चीफ माइकल हेनली को बताया कि महारानी को एंथनी ब्लंट के जासूस होने के बारे में कुछ भी नहीं पता है. उन्होंने कहा था कि महारानी को अब इस बारे में बताने में कुछ फायदा नहीं है. इससे सिर्फ उनकी चिंता ही बढ़ेगी और इसके बारे में अब कुछ किया भी नहीं जा सकता है.